मोहदा का मुक्ति धाम देश का पहला ग्रामीण श्मशान स्थल जहाँ विकसित हैं खूबसूरत बगीचा तालाब और मन्दिर
सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़ तिल्दा – की राजधानी से लगभग 30 किलोमीटर दूर ग्राम जनपद तिल्दा के ग्राम मोहदा देश के नक्से पर नई पहचान के साथ उभरने जा रहा है,पपंचायत मोहदा की सरपँच श्रीमती रेखा प्रहलाद एंव उसके पति अनिरुद्ध प्रहलाद ने पर्यावरण सरंक्षण की भावना को साकार रूप देते हुए मुक्ति धाम को नया स्वरूप दिया।
लोग यहा मंदिर के दर्शन करने घूमने मनोरंजन के लिए आते हैं।मुक्ति धाम लगभग 10 एकड़ छेत्र में फैला है।चारो ओर पेड़ पौधो की बाड़ बनाई गई है।इस पर लगभग 10 लाख रुपये की लागत आई है।एक हिस्सा खर्च की राशि
मनरेगा से मिली हैं,बाकी स्वयं के बल पर जुटाई गई है।यहा शव-दाहकर्म के साथ ही दफनाने की भी व्यवस्था है।इसी कड़ी में 24 अगस्त को जिलाधीश कलेक्टर व सी ई ओ सहित जिला पंचायत अध्यक्ष महोदया शारदा वर्मा सहित अन्य प्रशासनिक व शासकीय कर्मचारियों की भारी संख्या में उपस्थिति रही।
लोगो ने सरपंच पति व सरपंच के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के जनहित कार्यो के लिए लोगो को प्रेरणा लेनी चाहिए
*उन्होंने ठाना कर दिखाया*
सरपँच पति अनिरूद्ध प्रहलाद की प्रेरणा और सेवा से ही मुक्ती धाम में विकसित हो पाया है।उन्होंने ठाना और कर दिखाया।वे बगीचे के प्रतिदिन देख भाल करते हैं।
गाँव के लिए सुविधाए जुटाना
ग्राम की जनसँख्या 2765 है इसके अनुरूप सुविधाए जुटाना है,सामुदायिक भवन पीड़ी एस गोदाम,नाली एवम सीसी रोड निर्माण करना हैं।इसके साथ ही सचिव की भी व्यवस्था करनी है।
हो चुकी हैं पूर्व पत्नी की हत्या
अनिरुद्ध की पहली पत्नी स्व श्रीमती गीता भी मोहदा की सरपंच थी।वे बताते हैं कि राजनीतिक रंजिश के चलते हत्या कर दि गई।इसके बाद दूसरा विवाह किया नई जीवन संगिनी भी अब सरपँच है। और गांव का सेवा कर रही है।
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