मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ महतारी का बढ़ाया है मान – देवेश मिश्रा

दुर्ग- छत्तीसगढ़ राज्य की अपनी अलग पहचान अपने संसाधन,व्यवसाय कार्य,संस्कृति,परंपरा,वेशभूषा और खानपान सहित सामाजिक व्यवस्थाओ की है,जिसे सुरक्षित एवं संवर्धित करने का कार्य छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया है।कांग्रेस की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ महतारी का यशोगान करते हुए अरपा पैरी के धार गीत को राज्य गीत के रूप में घोषित किया, वही दूसरी ओर राजिम में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले मेला का नाम राजिम कुंभ से बदलकर राजिम पुन्नी मेला किया जोकि एक महत्वपूर्ण कदम है। राजिम पुन्नी मेला नाम की घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी के बोरसी में आयोजित एक कार्यक्रम में की थी। ज्ञात हो कि शास्त्र-सम्मत कुंभ केवल देश के चार स्थानों पर ही होते हैं। अन्य किसी स्थान पर कुंभ के नाम से आयोजन करना शास्त्र सम्मत व हिंदू धर्म के खिलाफ है।इस प्रकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शास्त्रों के अनुसार एक महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लेते हुए शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के समक्ष और छत्तीसगढ़ की परंपरा के अनुरूप राजिम मेला को राजिम पुन्नी मेला का नाम दिया। छत्तीसगढ़ को देश की नहीं वरन, विदेशों में भी प्रसिद्धि दिलवाने वाले हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साबित हुए हैं।छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पश्चात उन्होंने छत्तीसगढ़ की मूल भावनाओं व आवश्यकताओं को समझते हुए,यहां की रीति रिवाज, तीज त्यौहार रहन-सहन, परंपरा कला संस्कृति उद्योग रोजगार व्यापार, कृषि, संसाधनों इत्यादि को पल्लवित करने सुरक्षित व सुसज्जित करने समृद्ध करने का काम भूपेश बघेल सरकार ने किया है ।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा गरवा घुरवा बारी को संजोने, राजीव गांधी गोधन न्याय योजना, पशुधन व फसलों की रक्षा हेतु गोठान निर्माण छत्तीसगढ़ की मुख्य फसल धान का समुचित समर्थन मूल्य देने एवं साथ ही अन्य वनोपज व फसलों का भी सरकारी समर्थन मूल्य निर्धारित कर खरीदी करने का ऐलान सहित अनेक रोजगार मूलक निर्णय मुख्यमंत्री ने लिए हैं,जोकि छत्तीसगढ़ के विकास मे मील का पत्थर साबित होगा।
छत्तीसगढ़ में प्रत्येक जाति व वर्ग को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस प्रकार पृथक पृथक बोर्ड बनाकर उनके उन्नयन का काम किया है, वह काबिले तारीफ है।तेल धानी बोर्ड,चर्म शिल्प बोर्ड, केश शिल्प बोर्ड, लौह शिल्प बोर्ड,रजक,शिल्प बोर्ड,माटी कला शिल्प बोर्ड,नए बोर्ड का गठन कर संबंधित क्षेत्र के व्यवसाय को आगे बढ़ाने व सम्मानित करने का काम माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया है।यह हमारी सत्य सनातन परंपरा को संवर्धित करने का अनुपम प्रयास ही है,जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लुप्त हो रही छत्तीसगढ़ की तीज त्यौहार पारंपरिक खेल कूद लोक कला व संस्कृति को सुसज्जित रखने और संजोने का जो बीड़ा उठाया है,वह निश्चित ही छत्तीसगढ़ियों की दिलों को छूने वाला है।छत्तीसगढ़ियों का सम्मान और यही मजबूती छत्तीसगढ़ को आज अन्य राज्यों की तुलना में एक अलग पहचान बना रही है और उन्हें शिखर पर पहुंचा रही है।
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के पश्चात 15 वर्ष शासन चलाने वाली भाजपा ने कभी भी छत्तीसगढ़ के हित में में नहीं सोचा। हमेशा उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान किया। बाहरी तत्वों ने आकर छत्तीसगढ़ की संस्कृति अस्मिता धरोहर को खत्म करने का असफल प्रयास किया ।बीजेपी ने अपने कार्यकाल में मात्र छत्तीसगढ़ को लूटने का काम किया,आर्थिक रुप से कमजोर करने का काम किया अत्याधुनिकता की आड़ में केवल दिखावे के काम करके शहरों को सजाने जंगलों को नष्ट करने सिंचाई व्यवस्था को ध्वस्त करने आम आदिवासी की जमीन जंगल को खत्म करने का असफल प्रयास किया, जिसका खामियाजा इन्हें सत्ता से बेदखली के रूप में भोगना पड़ा।छत्तीसगढ़ वासियों ने बीजेपी सहित,छत्तीसगढ़ विरोधी ताकतों को चेता दिया है कि अब उनके हितों के खिलाफ काम करने वालो को कोई छत्तीसगढ़िया बर्दाश्त नही करेंगे ।