छत्तीसगढ़

मंत्री श्री अकबर ने मानव जीवन तथा संस्कृति से जुड़े पीपल पौधे का रोपण किया

कैबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने ’कृष्ण कुंज’ का किया अवलोकन

मंत्री श्री अकबर ने मानव जीवन तथा संस्कृति से जुड़े पीपल पौधे का रोपण किया

कवर्धा, 20 अगस्त 2022। प्रदेश के वन, परिवहन, आवास एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर ने आज कवर्धा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभअवसर पर लोकर्पण किए कृष्ण कुंज का अवलोकन किया। उन्होंने मानव जीवन तथा संस्कृति से जुड़े पीपल पौधे का रोपण भी किया। मंत्री श्री अकबर ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप कृष्ण कुंज की महत्ता को बताया। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्री ऋषि शर्मा, क्रेडा सदस्य श्री कन्हैया अग्रवाल, नगर पालिका उपाध्यक्ष श्री जमील खान, पार्षद श्री अशोक सिंह पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेंद सिंह, अपर कलेक्टर श्री बी.एस. उइके, जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल सहित कवर्धा शहर के गणमान्य नागरिक, वन विभाग, नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
मंत्री श्री अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी 162 नगरीय क्षेत्रों में ’कृष्ण कुंज’ विकसित जा रहे है। ’कृष्ण कुंज’ में सांस्कृतिक महत्व के पौधे जैसे चंदन, रूद्राक्ष, बरगद, पीपल, कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के एवं जीवनोपयोगी आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के पौधो का रोपण किया गया है।
मंत्री श्री अकबर ने ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के उद्देश्यों को लेकर कहा है कि मुख्यमंत्री के श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप “वृक्षारोपण को जन-जन से जोड़ने, अपने सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उन्हें विशिष्ट पहचान देने के लिए इसका नाम ‘कृष्ण-कुंज’ रखा गया है। विगत वर्षों में शहरीकरण की वजह से हो रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से इन पेड़ों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है। आने वाली पीढ़ियों को इन पेड़ों के महत्व से जोड़ने के लिए ‘कृष्ण-कुंज’ की पहल की जा रही है। उन्होंने ने कहा कि सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ का हर एक पर्व प्रकृति और आदिम संस्कृति से जुड़ा हुआ है। इनके संरक्षण के लिए ही यहां के तीज-त्यौहारों को आम लोगों से जोड़ा गया और अब ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के माध्यम से इन सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनुकरणीय पहल हो रही है। जो आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर कल की ओर ले जाएगी और एक नए छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगी।
उल्लेखनीय है कि अब तक राज्य के 162 स्थलों को ’कृष्ण कुंज’ के लिए चिन्हांकित किया गया है। 162 स्थलों को ’कृष्ण कुंज’ पौधारोपण भी बड़ी उत्साह के साथ किया गया। कृष्ण कुंज को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए सभी निकायों में एकरूपता प्रदर्शित करने के लिए वन विभाग द्वारा बाउंड्रीवाल गेट पर लोगो का डिजाईन एक समान तैयार किया गया है।

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