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मुक्तिधाम में नहीं था शेड, भारी बारिश के बीच ऐसे हुआ महिला का अंतिम संस्कार

धार. धार जिले के विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल मांडू में विकास के दावों की पोल खुलती दिखाई दे रही है. यहां शेड वाला मुक्तिधाम नहीं होने से लोगों को खुले मैदान में ही अंतिम संस्कार करना पड़ता है. बरसात के दिनों में तो लोगों को अंतिम संस्कार करने के लिए और भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में बारिश होने की वजह से कुछ लोग अंतिम संस्कार करने के लिए तिरपाल का सहारा लेते दिखाई दे रहे हैं. तिरपाल को लोगों ने लकड़ियों की मदद से ऊपर किया और इसके बाद महिला का अंतिम संस्कार किया.गौरतलब है कि हाल ही में मांडू के वार्ड क्रमांक 4 की योगिता परिहार की मृत्यु हो गई थी. उसके बाद उनके अंतिम संस्कार में परेशानी खड़ी हो गई. क्योंकि, उस वक्त मांडू में लगातार बारिश हो रही थी और लोग घरों से निकलने में भी हिचकिचा रहे थे. ऐसे में परिजन और पड़ोसी उनके शव को जैसे-तैसे मुक्तिधाम तक ले गए. यहां फिर दूसरी समस्या खड़ी हो गई. यहां अंतिम संस्कार के लिए मैदान तो है, लेकिन शेड नहीं है. जब लोगों को कुछ नहीं सूझा तो सभी ने तिरपाल की व्यवस्था की और फिर उसके नीचे चिता बनाकर योगिता के शव का अंतिम संस्कार हवा-बारिश करती रही परेशान
लोगों ने तिरपाल को पकड़ा और चारों ओर से घेर लिया. हालांकि, इस बीच पानी और हवा लगातार परेशान करती रही, लेकिन लोग मजूबर थे. उन्होंने लकड़ियों के सहारे तिरपाल को ऊपर किया और जैसे-तैसे अंतिम संस्कार की विधि पूरी की. बता दें, मांडू के रेवा कुंड में मुक्तिधाम तो बना हुआ है, लेकिन इस पर शेड नहीं है. बारिश के दिनो में लोगो को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.इसलिए यहां नहीं बन सकता शेड
बता दें, रेवा कुंड के पास ही महल बने हुए हैं. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन आते हैं.  इस कारण यहां नया निर्माण नहीं किया जा सकता. यही कारण है कि मुक्तिधाम पर शेड बनाना संभव नही हो पा रहा है. लोगों का कहना है कि रेवा कुंड स्थित मुक्तिधाम पर भले ही शेड बनाया जाना संभव न हो, लेकिन मांडू में किसी अन्य स्थान पर शेडवाला मुक्तिधाम बनाया जा सकता है.

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