छत्तीसगढ़

ग्राम बिरगांव में विधि पूर्वक महिलाओं ने रखी हलषष्ठी व्रत*

*ग्राम बिरगांव में विधि पूर्वक महिलाओं ने रखी हलषष्ठी व्रत*

भूपेंद्र रिपोर्टर बिलासपुर
*मुंगेली-*
छत्तीसगढ के प्रमुख पर्व में हलषष्ठी एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन महिलाएं खेत आदि जगहों पर नहीं जाती।
संतान प्राप्ति व बच्चों के लंबी उम्र एवं खुशहाली के लिए माताओं ने हलषष्ठी व्रत रखकर पूजा अर्चना किये। जिले के निकटस्थ ग्राम पंचायत बिरगांव के मंदिर देवालय सहित विभिन्न मोहल्लें व घर पर महिलाओं ने सगरी बनाकर छ: तरह की भाजियां, पसहर चावल, काशी के फूल, महुआ के पत्ते, धान की लाई, दूध, दही, घी सहित पूजा के अन्य सामाग्री कि थाल लेकर हलषष्ठी कि कथा ध्यान लगाकर श्रवनपान कर पूजा अर्चना किया।
माताजी एवं पुरोहित पण्डित जी के द्वारा अलग अलग जगहों पर हलषष्ठी व्रत कि कथा विधि विधान पूर्वक व्रती महिलाओं को सुनाया गया।
महिलाओं व माताओं के द्वारा अपने बच्चों के लंबी उम्र की कामना करने हलषष्ठी के व्रत रखकर पूजा अर्चना किये, पूजा अर्चना करने के बाद बच्चों को पोता मारकर उन्हें प्रसाद देकर आर्शीवाद दिये।
पण्डित जी ने व्रती महिलाओं को पूजा अर्चना कर हलषष्ठी व्रत की छः कथाओं को सुनाकर पूजा आरती से पूजन प्रक्रिया को विधिवत सम्पन्न कराया। जहां गांव सहित आसपास की महिलाओं के द्वारा अपने घरों एवं मंदिरों में विधि विधान से पूजा अर्चना किया गया व अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना किये। दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम का पसहर के चावल तथा बिना हल चले वाले जगह से पैदावार हुए छः प्रकार की भाजी व लौंगी मिर्च सब्जी बनाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।

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