जिला प्रशासन बना चंद पत्रकारों की कठपुतली – नामदेव संस्कारधानी की गरिमा को तार-तार करते राजनांदगांव के पत्रकार

जिला प्रशासन बना चंद पत्रकारों की कठपुतली – नामदेव
संस्कारधानी की गरिमा को तार-तार करते राजनांदगांव के पत्रकार
राजनांदगांव जनसंपर्क कार्यालय की कार्यशैली को लेकर उठने लगा बगावत के सुर
राजनांदगांव. राजनांदगांव में आवास हेतु जमीन से वंचित पत्रकारों ने कलेक्टर को दिया सूचना के अधिकार के तहत जानकारी हेतु आवेदन निम्न विभागों में जिलाधीश महोदय के अलावा जनसंपर्क विभाग, श्रम विभाग एवं राजगामी संपदा कार्यालय में संयुक्त रूप से सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगाया गया। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राजगामी संपदा के 10 एकड़ जमीन राजनांदगांव के पत्रकारों के आवास हेतु उपलब्ध कराया गया है। उक्त भूमि के आबंटन प्रक्रिया पर अनेकोनेक सवाल उठ रहे हैं कि राजगामी की जमीन शासन के द्वारा जब पत्रकारों के आवास हेतु दिया गया तो जिला प्रशासन के नुमाइंदे चंद पत्रकारों की कठपुतली बनकर, सब कुछ आंख बंद कर देखते रहे। प्रशासन के द्वारा जन संपर्क विभाग से भी जमीन आबंटन मामले में पात्र व अपात्र पत्रकारों की जांच नहीं किया गया जबकि जिला मुख्यालय होने के कारण स्थानीय पत्रकारों का लेखा-जोखा जिला कार्यालय का जनसंपर्क विभाग की देखरेख में होना था। किन्तु जनसंपर्क विभाग अनदेखा कर चंद पत्रकारों के इशारे पर काम कर रहा है और प्रिंट मिडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया की एकजाई सूची रखने के बजाय प्रकाशन अवधि के तहत छोटा अखबार-बड़ा अखबार की श्रेणी में रखकर कार्य कर रहा है और बड़ा अखबार वाले कहकर जनसंपर्क कार्यालय की सूची में एक अखबार से चार से पांच पत्रकारों एवं संवाददाताओं का नाम जोड़कर बेवजह ही शहर में पत्रकारों की सूची को लंबा बनाकर जनसंपर्क विभाग राजनांदगांव भीड़ बढ़ा रहा है और दैनिक समाचार पत्र से जुड़े पत्रकारों की संस्था को लाभ दे रहा है और अधिकारियों को गलत सूची देकर बड़ी संख्या में पत्रकार है शहर में ऐसा कहकर अनावश्यक ही भीड़ जनसंपर्क विभाग स्वयं बढ़ा रहा है। किसी भी समाचार पत्र के एक ब्यूरो चीफ और एक सिटी रिपोर्टर प्रतिनिधि के रूप में केवल दो नाम सूचनार्थ जोड़ा जाए तो गिनती के समाचार पत्र राजनांदगांव के जनसंपर्क कार्यालय में उपलब्ध होते हैं वो भी संख्या देखी जाए तो दैनिक समाचार पत्रों की लगभग 25 से आसपास होगी जो समाचार पत्र कार्यालय में जमा नहीं होते उनके भी नाम को जनसंपर्क विभाग द्वारा जोड़ा जा रहा है और वो भी एक अखबार से चार से पांच की संख्या जोड़ दिया जाता है जो कि समाचार पत्र के संपादक द्वारा अपने नाम से जारी कराकर जनसंपर्क विभाग में कब्जा कर लेते हैं जबकि उनके समाचार पत्र जनसंपर्क कार्यालय में रोजाना जमा नहीं होते और लघु समाचार पत्रों के समाचार पत्रों को अलग से बंडल बनाकर रख दिया जाता है जिसे कोई महत्व जनसंपर्क विभाग राजनांदगांव के द्वारा नहीं दिया जाता। राजनांदगांव जनसंपर्क विभाग यहां पर कोई नियम-कानून नहीं है नाम जोड़वाने का। केवल उन्हें समाचार पत्र के संपादक का लिखा हुआ नियुक्ति पत्र ही देखा जाता है। जबकि उनका समाचार पत्र रोजाना राजनांदगांव जनसंपर्क कार्यालय में जमा नहीं होता। इसके बाद दैनिक समाचार पत्र के संबंधित ब्यूरोचीफ/ संवाददाता के द्वारा अपने नीचे कार्य करने वाले कर्मचारियों को पत्रकार बनाकर जनसंपर्क विभाग की सूची में चार से पांच नाम जोड़वाकर विभाग की सूची लंबी की जा रही है।
जनसंपर्क विभाग के कार्यशैली में बदलाव की जरूरत
1. राजनांदगांव जनसंपर्क कार्यालय में जो दैनिक समाचार पत्र नियमित जमा नहीं होता उनके प्रतिनिधि/ संवाददाताओं के नाम हटाया जाये।
2. दैनिक समाचार पत्र से जनसंपर्क कार्यालय में सूचनार्थ हेतु केवल दो व्यक्तियों का नाम जोड़ा जाए।
3. इलेक्ट्रिानिक मीडिया से उन्हीं संवाददाता प्रतिनिधि का नाम जोड़ा जाए जिसकी समाचार व चैनल का प्रसारण स्थानीय केबल व नेटवर्क से जुड़ा हो अथवा नियमित स्थानीय समाचार पत्र रोज लगते हो अन्यथा शेष संवाददाता प्रतिनिधि का नाम जोड़कर जनसंपर्क कार्यालय बेवजह भीड़ न बढ़ायें।
4. जनसंपर्क कार्यालय में हाजिरी रजिस्टर रखा जाए एवं आने वाले व्यक्तियों / पत्रकारों की उपस्थिति दर्ज की जाये।
5. साप्ताहिक समाचार पत्रों को नियमित बंडल पंच बनाकर आम जनता के पढऩे हेतु कार्यालय में रखा जाये।
6. जिला प्रशासन के किसी भी कार्यक्रम का बगैर छोटा-बड़ा का भेदभाव किए आमंत्रण, निमंत्रण लघु समाचार पत्रों के संपादकगणों को जानकारी नियमित रूप से दिया जावे।
7. जिला प्रशासन की प्रेस वार्ता में जनसंपर्क विभाग द्वारा लघु समाचार पत्रों के संपादकों व पत्रकारों को भी बुलाया जावें।
8. जिला जनसंपर्क कार्यालय में जब मुश्किल से 20 से 25 दैनिक समाचार पत्र रोजाना आते हैं तो फिर संवाददाताओं की संख्या 100 से पार कैसे।
9. लघु समाचार पत्रों की संख्या व दैनिक समाचार पत्रों की संख्या जनसंपर्क विभाग के एकजाई सूची में सूचना पटल पर सूची चस्पा किया जावे जनहित में।
10. जनसंपर्क कार्यालय राजनांदगांव में छोटा-बड़ा समाचार पत्र का दायरा खत्म किया जावें एवं प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रिानिक मीडिया की समस्त सूची एकरूपता से सभी कार्यालयों में पे्रषित किया जावे ताकि जिला कार्यालय के समस्त विभागों में पत्रकारों की जानकारी पूर्ण रूप से उपलब्ध हो। जिसमें विभाग का सील मुहर अंकित हो।
उक्त जानकारी दिनेश नामदेव ने विज्ञप्ति के माध्यम से दी।
(दिनेश नामदेव)
आ. स्व. श्री गणेश प्रसाद नामदेव
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