छत्तीसगढ़

युवा सेवा संघ कवर्धा के सदस्यों ने कांवरियों को वितरण किए प्रसादी*

 

*युवा सेवा संघ कवर्धा के सदस्यों ने कांवरियों को वितरण किए प्रसादी*

छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने के लिए सावन के इस पवित्र महीने में दूर-दूर से लाखों श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। आज अंतिम दिवस होने की वजह से भोरमदेव मंदिर परिसर में एवं आसपास के क्षेत्रों में काफी भीड़ भाड़ रहा।

लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एवं कावड़ यात्रियों व श्रद्धालुओं को आवागमन में कोई परेशानी ना हो इसलिए जिला शासन प्रशासन के द्वारा भारी मात्रा में जगह जगह पर पुलिस फोर्स एवं CRPF की तैनाती की गई थी।

सावन के इस पवित्र महीने में कवर्धा सहित देशभर में संत आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित योग वेदांत सेवा समिति एवं युवा सेवा संघ के सदस्यों के द्वारा विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी कांवड़ यात्रियों के लिए प्रत्येक रविवार एवं सोमवार को प्रसादी एवं शरबत की व्यवस्था की गई थी। बोल-बम बोल-बम जयकारे के साथ कावड़ यात्रियों सहित लाखों श्रद्धालुओं को पानी, शरबत एवं प्रसादी वितरण करने में युवा सेवा संघ कवर्धा के सदस्य काफी उत्साहित नजर आए।

*आजादी के अमृत महोत्सव..*

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 15 अगस्त को यादगार बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं सहित पूरे देशभर में वयोवृद्ध कैदियों को रिहा कर रहे हैं।

इसी कड़ी में संत श्री आसाराम जी बापू के केस को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को ट्वीट भी किया था।

इसकी हजारों रीट्वीट हुई और इस ट्वीट को लेकर जनता ने भी ट्वीट शुरू कर दिया और ट्विटर पर टॉप ट्रेंड चलने लगा। वही एक वयोवृद्ध संत आसाराम जी बापू को विगत 10 वर्षों से बिगड़ते स्वास्थ्य के बावजूद 1 दिन के लिए भी बेल नहीं दी गई है यह कैसा न्याय हैं।

आपको बता दे कि मामला यह था कि धर्मान्तरण पर रोक लगाने वाले हिन्दू संत आशाराम बापू 9 साल से जोधपुर जेल में है, उनको अभी तक जमानत भी नही मिली, जबकि उनको षड्यंत्र के तहत फसाने व निर्दोष होने के कई प्रमाण होने के बाद भी रिहा नही किया जा रहा है, उसको लेकर बापू आशारामजी को जोधपुर जेल के अंदर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी मिल चुके है और बापू आशारामजी के जमानत की पैरवी सेशन व हाईकोर्ट में कर चुके है।

हिंदू संत आशाराम बापू पर जिस तरह से षड्यंत्र हुआ है और उनके जो समाज उत्थान के सेवाकार्य को देखते हुए और उनकी उम्र को ध्यान में रखते हुए जनता की मांग है कि न्यायालय और सरकार उनको शीघ्र रिहा करें।

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