रंजीत हत्याकांड की हो निष्पक्ष जांच,पीटर और टीपू सहित अन्य आरोपियों से भी हो पूछताछ-मलकीत सिंह

लोकेश को पुन: रिमांड पर लेकर फिर से की जाये गहन पूछताछ,
परिजनों ने की मामले की शिकायत गृहमंत्री, डीजीपी,आईजी और एसपी से
महादेव एप आईडी से किसका तालुकात है, पुलिस करे इसकी भी निष्पक्ष जांच
भिलाई । गत दिवस शारदापारा जेपी नगर केम्प 2 निवासी मृतक रंजीत ङ्क्षसह पुल्लर जो कि पेशे से ट्रक चालक था। 18 जून को रात्रि साढे 11.30बजे कुछ लोगों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी थी। मृतक रंजीत की मां कमलजीत कौर, पिता जागीर सिंह एवं उसके मामा मलकीत सिंह ने आयोजित पत्रवार्ता में आज जानकारी देते हुए बताया कि गत 18 जून को शाम 6 बजे शुभदीप ङ्क्षसह उर्फ पीटर, देवा उर्फ बछड़ा रंजीत के घर आये और उसे अपने साथ स्कूटी में बिठाकर ले गये। रात्रि 1.30 बजे लक्की सिंह और रजत सिंह घर आये और उन्होंने बताया कि रंजीत की हत्या हो गई है। उसके लाश को लाल बहादुर शास्त्री हॉस्पिटल सुपेला के मरच्र्यूरी में रखा गया है। पुलिस ने अब तक इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि विडियों फुटेज में इनकी संख्या 18 से 20 लोगों की दिख रही है। कई जगह लगे सीसीटीव्ही फूटेज में सभी आरोपियों के चेहरे स्पष्ट नजर आ रहे हैं। शेष आरोपी आज भी खुलेआम घूम रहे है। घटना के 39 दिन बाद भी कई आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर है, उसके कारण हमारे परिवार पर जान का खतरा मंडरा रहा है। उन्हेांने इस मामले की शिकायत प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, डीजीपी अशोक जुनेजा, आईजी बद्रीनारायण मीणा, एसपी डॉ् अभिषेक पल्लव को भी आवेदन देकर इस मामले की निष्पक्षता के साथ जांच करने और दोषी अन्य आरोपियों को जल्द से जल्द पकडने की मांग की है। मलकीत ङ्क्षसह ने आगे बताया कि हमारी 6 सूत्रीय मांगे शासन और प्रशासन है जिसमें मेरे भांजे की हत्या क्यों की गई कारण स्पष्ट हो,हत्या कांड का विडियों क्या जेल में भेजा गया है तो किनको भेजा गया है और क्यों भेजा गया है? रंजीत की हत्या की योजना जेल में बनी थी क्या इसकी भी पुलिस द्वारा जांच कर खुलासा किया जाना चाहिए। क्या देवा उर्फ बछड़ा भी इस हत्या के साजिश में शामिल है? अगर है तो अब तक उसकी गिरफ्तारी क्यों नही की जा रही है? देवा उर्फ बछडा के साथभी मारपीट हुई है तो ऐसे में मारने वालों पर अपराध क्यों दर्ज नही हुआ? विडियो में मृतक रंजीत का एक पुराना दोस्त टीपु उर्फ गुरदीप ईशारा करते हुए दिख रहा है, ततपश्चात लोकेश पाण्डेय अपनी दो गाडियां में अपने साथियों के साथ घटना स्थल पर पहुंचता है। गुरदीप अभी भी फरार है। इस मामले की निष्पक्षता और प्रभावी ढंग से जांच की जाये क्योंकि आरोपियों की राजनीति पकड़ बहुत तगड़ी है और सभी आरोपी रसूखदार है। हमारा परिवार काफी गरीब परिवार है, हम लोग रोजी मजूरी करके जीवन यापन कर रहे हैं। मृतक रंजीत हमारे परिवार का एक मात्र कमाने वाला लडका था जो हम लोगों को सहारा इन आरोपियों ने छीन लिया अब हमलोगों को घर चलाने के लिए दो बेटियों और मां को काम कर घर बमुश्किल से चलाना पड़ रहा है,क्योंकि मृतक रंजीत के पिता का पैर में अत्यधिक गंभीर बिमारी के कारण वे कही आ जा नही सकते है। पुलिस लोकेश पाण्डेय एवं अन्य लोगों को पुन: रिमांड पर लेकर पूछताछा करे और साथ ही टीपू और पीटर से भी इस मामले की पुन: गहराई से पूछताछ कर उन्हें भी आरोपी बनाया जाये।
पत्रवार्ता में मृतक रंजीत के मामा मलकीत ने यह भी आरोप लगाया कि लोकेश पाण्डेय ने घर दिखाने और रंजीत को घर से लाने के एवज में उसे पीटर को साढे 4 लाख रूपये दिये हैं। परिवार जनों को पुलिस ने बताया कि पीटर गिरफ्तार हुआ है लेकिन रंजीत हत्याकांड में नही अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है। परिवार ने रो रोकर मीडिया के सामने अपनी आप बीती पत्रवार्ता में बताई। मलकीत ने आगे बताया कि मेरे भांजे रंजीत की लोकेश पाण्डेय या अन्य किसी से भी न कोई रंजीत थी और न ही किसी प्रकार का विवाद था। बार बार एक बात सामने आ रही है कि महादेव एप के तार रंजीत से जुडे हुए थे जोकि गलत है। रंजीत पेशे से ड्रायवर था और जिस जगह पर रंजीत रहता है वह घर आकर वे लोग देख सकते है जो लोग महादेव आईडी के धंधे में संलग्र है वे बीएमडबल्यू और जगवार जैसे कारों में घूम रहे है और विदेशों में एश कर रहे हैं। लोकेश के यहां ड्रायवर का कार्य रंजीत ने कभी नही किया है। वह मात्र 19 साल का था, उसकी भला किसी से क्या रंजीश होगी?