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*देवकर नगर के जैन भवन में साल 2022 का भव्य चातुर्मास निरन्तर आयोजन, जैन उपासकों द्वारा धर्म का तप-तपस्या-ध्यान-ज्ञान-आराधना का चातुर्मास प्रारंभ तो उपवास का सिलसिला भी जारी*

बेमेतरा/देवकर-:- देवकर नगर के जैन समाज द्वारा इस साल 2022का भव्य चातुर्मास आयोजित किया गया है। आयोजित इस चातुर्मास में आचार्य श्री 1008 राम लाल जी म, सा, जी के आज्ञानुवर्तीय शासन दीपक श्री हेमन्त मुनि जी म,सा, एवं श्री सौरभ मुनि जी म, सा,आदि ठाणा दो का सानिध्य प्राप्त हुआ है।

 

जैन भवन गांधी चौक में चल रही चातुर्मास दिवस जो पुरे चार माह तक तप, तपस्या, ध्यान, ज्ञान, अराधना, त्याग,दान,शील,संयम, आदि के साथ चलता रहेगा 13 जुलाई 2022 से आरंभ इस भव्य चातुर्मास दिवस को जैन समाज ने पुरे त्याग, तपस्या, के साथ आरंभ किया जिसमें मुख्य रूप से तीन दिनों की उपवास व्रत,॥तेला॥ जिसे इक्कीस लोगों ने किया,शील व्रत धारण आजीवन चार लोगों ने, एवं चार माह चातुर्मास काल तक शील व्रत धारण अठ्ठारह लोगों ने व्रत लिया, इसके साथ ही साथ पांच दिनों तक उपवास कुमारी खुशी सालेचा,नव दिनों की उपवास व्रत धारण किया श्री मति नेहा बडेर,आठ दिन की उपवास श्री मति सरिता रीढ़,और ग्यारह, ग्यारह, दिनों की उपवास व्रत लिया रौनक बोरा, आदि बोरा, इसके अलावा और भी बहुत तपस्या ध्यान ज्ञान अराधना चल रहा है।

 

 

जैन भवन हाल में चल रहा प्रवचन में श्री हेमन्त मुनि जी म, सा, एवं सौरभ मुनि जी म, सा, कहा कि -मानव जिस काम को असम्भव समझता है वह जिण शासन में सभंव हो जाता है, संसार के पर्दे पर कई तरह के चित्र उभरते हैं उन चित्रों को देखकर मनुष्य कई बार घबरा जाता है वह उसमें राग, द्वेष,

 

करनें लग जाता है उस मनुष्य को समता की दृष्टि से सोचना चाहिए कि घबराहट उसके लिए कताई योग्य नहीं है उसकी योग्यता समभाव में है अच्छे चित्र पर मुग्ध न होना और बुरे चित्र पर क्षुब्ध न होना समता के सहारे ही संभव हो सकता है, यदि सदा के लिए शांती अर्जीत करनी है तो त्याग के मार्ग पर चलना होगा त्याग का मार्ग ही शाश्वत शांती का मार्ग है।

 

हम सब जानते हैं कि मनुष्य जन्म बहूत पूण्य से मिलता है इसे यूं ही गवांना ठीक नहीं है महा पुरुषों की सानिध्य और धर्म अराधना इस दुर्लभ जीवन को सफल बनाने का प्रयास करें।

 

जैन भवन गांधी चौक देवकर मे सुबह से रात तक चलने वाले कार्यक्रम निम्न हैं। सुबह 06 बजे से 6,30 प्रार्थना एवं क्लास ,सुबह 8:30 से 9:40, प्रवचन,दोपहर,2:30, से 3,30 धार्मिक चर्चा,क्लास शाम प्रतिक्रमण, रात 8:30से 9:30 युवाओं एवं पुरूषों के लिए ज्ञान अराधना, क्लास प्रतियोगिता आदि

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