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*जिला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा ने साजा जनपद के बहुचर्चित शिक्षाकर्मी फर्ज़ीवाड़े पर विभागीय कार्यवाही हेतु गठित पांच सदस्यीय विशेष टीम*

*बेमेतरा/साजा:-* ज़िला अंतर्गत सीईओ जनपद पंचायत साजा ने 11 फर्जी शिक्षाकर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु 11 जुलाई 2022 को डीईओ बेमेतरा को पत्र लिखा गया था जिस पर डीईओ बेमेतरा ने 14 जुलाई को आगे की कार्यवाही के लिए 05 सदस्यीय जांच दल गठित कर दिए है साथ ही सीईओ जनपद पंचायत साजा को नियुक्ति से सम्बंधित दस्तावेज जिसमे आवेदन,आवेदन में संलग्न प्रमाण पत्र वरीयता सूची अंतिम चयन सूची सर्विसबुक आदि प्रस्तुत करने डीईओ द्वारा पत्र लिखीगई है

 

*कहां से प्रस्तुत करेगी सीईओ जनपद पंचायत साजा नियुक्ति से संबंधित अभिलेख*

 

नियुक्ति वर्ष 2007 के मूल अभिलेख को योजनाबद्ध तरीके से गायब कर दिया गया है इस बात की जानकारी जनपद पंचायत साजा को पहले से पता है फिर भी अभिलेख संधारण करने वाले लिपिक के ऊपर कोई कार्यवाही नही की गई न्यायालय कलेक्टर बेमेतरा ने न्यायालयीन पत्र क्रमांक 1333 प्र कले 2017 बेमेतरा दिनांक 18 सितम्बर 2017 में सीईओ जनपद पंचायत साजा को कलेक्टर न्यायालय में संबंधित लिपिक के माध्यम से नियुक्ति से संबंधित मूल अभिलेख प्रस्तुत करने का कड़ा निर्देश दिए थे इसी पत्र में तीन बार और मूल अभिलेख प्रस्तुत करने का निर्देश दिए जाने का उल्लेख किये है जिसका पत्र क्रमांक क्रमशः 1112 दिनांक 06 अप्रैल 2017,1093 दिनांक 15 मई 2017, और 1311 दिनांक 01 सितंबर 2017 को भी पत्र लिखे जाने का उल्लेख किया गया आखिर चार चार बार कलेक्टर के निर्देशों की अवहेलना सीईओ जनपद पंचायत साजा द्वारा की गई थी तब कलेक्टर कार्तिकेय गोयल का अचानक ट्रांसफर हो गया और मामला वही से ठंडे बस्ते में चला गया बाद में इन 11 शिक्षाकर्मियों की कोर्ट में चार्जशीट प्रस्तुत की गई तब भी फोटो कॉपी और कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत किया गया जिसकी शिकायत सेक्रेटरी विधि विधायी विभाग के पास नारद सिंह राजपूत द्वारा की गई थी दो वर्ष पूर्व भी मूल अभिलेख गायब करने वालो के विरुध्द सीईओ जनपद पंचायत साजा के पास नारद सिंह द्वारा शिकायत किया गया था जिस पर आज पर्यंत कोई कार्यवाही नही हुई

 

*आखिर मूल अभिलेख कहां गायब हुई*

 

सन 2008 में तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व आई ए एस ओ पी चौधरी ने समस्त अभिलेखों को बेमेतरा मंगवाए थे जिसे 2012 -13 में मूलतः साजा जनपद को वापस किया गया था जिसे लाने के लिए लिपिक कमलेश कुशवाहा और गुलाब देवांगन गया था बाद में इन्ही अभिलेखों के आधार पर 2015 में तत्कालीन सीईओ कुमार सिंह ने कलेक्टर बेमेतरा के निर्देश पर जांच किया था उसके बाद से ही अभिलेखों का गायब होना शुरू हुआ उसके बाद से बारबार विभिन्न जांच में मूल अभिलेखों की मांग हुई लेकिन जनपद पंचायत साजा किसी को भी अभिलेख प्रस्तुत नही करा पाई और न ही गायब अभिलेखों पर कोई कार्यवाही की गई तब सवाल तो उठेगा ही कि आखिर मूल अभिलेख गए कहां ?

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