बीएसपी प्रबंधन की उदासीनता से जयंती स्टेडियम का नही हो रहा है रख-रखाव इसके अभाव में तार-तार हो रही जयंती स्टेडियम की गरिमा

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के उदासीनता के कारण नगर के सबसे बड़े और प्रमुख स्टेडियम जयंती स्टेडिम धीरे धीरे अपने असित्व को खोता जा रहा है। इस स्टेडियम के मैदान और गैलरी में बेहद खरपतवार, घांस व कंटीली झाडिय़ों उग आई है। जिसके कारण इसका समूचित लाभ यहां के खिलाडिय़ों को नही मिल पा रहा है। एक समय था जब जयंती स्टेडियम नगर की शान हुआ करता था और यहां प्रेक्टिस कर खिलाड़ी देश और दुनिया में अपना और भिलाई का नाम रौशन करते थे लेकिन आज स्थिति दिन प्रतिदिन ठीक इसके विपरीत होते जा रही है। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को अब केवल प्लांट में उत्पादन तक सीमित होते जा रहा है।
कोरोना संक्रमण कम होने व आम जनजीवन पटरी पर आने के बावजूद जयंती स्टेडियम को खोला नहीं जा सका है। इसकी वजह से हर दिन खिलाडिय़ों को भटकना पड़ रहा है। इससे उनका अभ्यास प्रभावित हो रहा है। यही हाल सैर सपाटा करने वाले लोगों का भी है। इधर समुचित देखरेख के अभाव में स्टेडियम के भीतर मैदान व बैठने की जगह पर जंगल सा आलम है। खरपतवारए घांस व कंटीली झाडिय़ों से पूरा परिसर पट गया है। समुचित रख रखाव के अभाव में इस्पात नगरी के जयंती स्टेडियम की गरिमा तार-तार हो रही है।
भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन का नाम एक समय खेल और खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने में लिया जाता रहा है। टाउनशिप में कमोबेश हर खेल के लिए अलग-अलग मैदान, स्टेडियम व क्लब का निर्माण भी किया गया है। कोरोना काल में संक्रमण के पहली व इसके ठीक बाद दूसरी लहर ने खेल गतिविधियों पर भी विराम लगा दिया था। इस दौरान संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी सभी खेल परिसर, स्टेडियम, क्लब, गार्डन आदि को बंद करा दिया था। बीएसपी ने इस आदेश का पालन करते हुए अपने सभी सभी खेल परिसर, स्टेडियम, क्लब, गार्डन आदि को बंद कर दिया था। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के मामले नहीं के बराबर आ रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ने काफी पहले ही सभी गार्डन और खेल स्टेडियम को आम लोगों के लिए खोलने का आदेश जारी कर दिया था। बावजूद बीएसपी प्रबंधन को इसका ध्यान ही नहीं है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि इस स्टेडियम में ही टाउनशिप के अधिकांश खिलाड़ी अभ्यास करने पहुंचते थे। इसके अलावा सुबह और शाम को सैर करने वाले लोग भी यहां पहुंच कर व्यायाम आदि करते थे। परन्तु करीब ढाई साल से यह स्टेडियम बंद है। यही नहीं स्टेडियम के गेट को भी लोहे की शीट आदि से बंद कर दिया है। ऐसे में खिलाडिय़ों को अब अभ्यास करने के लिए भटकना पड़ रहा है। सबसे अहम बात यह कि वे स्टेडियम के बाहर मैदान में भी लोगों की आवाजाही की वजह से अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं।