छत्तीसगढ़

सांसद संतोष पाण्डेय से मिला चेम्बर का प्रतिनिधि मंडल अनब्रांडेड प्री पैक्ड खाद्यानों पर लगे 5% जीएसटी को हटाने के लिए सौपा ज्ञापन

सांसद संतोष पाण्डेय से मिला चेम्बर का प्रतिनिधि मंडल
अनब्रांडेड प्री पैक्ड खाद्यानों पर लगे 5% जीएसटी को हटाने के लिए सौपा ज्ञापन

छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के जिलाध्यक्ष एवं कन्फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष आकाश आहूजा ने बताया कि जिला चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के प्रतिनिधि मंडल ने जीएसटी कॉउंसिल द्वारा दिनांक 28 एवं 29 जून 2022 की बैठक में किसी भी प्रकार का मार्का लगे हुए खाद्यान्न, बटर, दही, लस्सी आदि को 5 प्रतिशत के कर स्लैब में लाने से व्यापारियों एवं आम नागरिकों पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव से अवगत कराने हेतु सांसद श्री संतोष पांडेय जी को ज्ञापन सौंपा।
जिला अध्यक्ष आकाश आहूजा ने कहा कि अब तक ब्रांडेड नहीं होने पर विशेष खाद्य पदार्थों, अनाज आदि को जीएसटी से छूट दी गई थी। कॉउन्सिल के इस निर्णय से प्री-पैक, प्री-लेबल वस्तुओं को अब जीएसटी के कर दायरे में लाया गया है । अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों जैसे आटा,पोहा इत्यादि पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी का प्रावधान किया गया है जिससे पुरे देश भर में 6500 से अधिक अनाज मंडियों में खाद्यान्न व्यापारियों के व्यापार में बड़ा अवरोध आ रहा है। इस निर्णय का वित्तीय बोझ आम लोगों पर किस प्रकार से पड़ेगा इस दिशा में कोई विचार नहीं किया गया है । देश में केवल 15 प्रतिशत आबादी ही बड़े ब्रांड का सामान उपयोग करती है जबकि 85 प्रतिशत जनता बिना ब्रांड या मार्का वाले उत्पादों से ही जीवन चलाती है । जीवन यापन की आम वस्तुओं को कर के दायरे में लाने से इसका पूरा बोझ गरीब और मध्यम वर्गीय जनता पर पड़ रहा है ।
आकाश आहूजा ने आगे कहा कि जीएसटी काउन्सिल द्वारा लिए गए निर्णय से प्रथम दृष्ट्या किसान भी इस निर्णय से प्रभावित होते दिखाई दे रहे हैं क्योंकि किसान भी अपनी फसल बोरे में पैक करके लाते है तो क्या उस पर भी जीएसटी लगेगा? जिसे काउन्सिल ने स्पष्ट नहीं किया है। कृषि उत्पादों जैसे- पनीर, छाछ, पैकेज्ड दही, गेहूं का आटा, अन्य अनाज, शहद, पापड़, खाद्यान्न, मांस और मछली (फ्रोजन को छोड़कर), मुरमुरे और गुड़ आदि भी महंगे हो जाएंगे जिसे आम जनता द्वारा मुख्य रूप से दैनिक उपयोग में लाया जाता है। यदि कोई बिना मार्का के किसी सामान को बेचना भी चाहे तो नहीं बेच सकता और मार्का लगते ही वस्तु जीएसटी के दायरे में आ जाता है जो न्यायोचित नहीं है तथा इन वस्तुओं को जीएसटी के कर स्लैब में लाना अव्यवहारिक है।
माननीय सांसद महोदय श्री संतोष पांडेय जी ने इस विषय पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए उचित कदम उठाने की बात कही
प्रतिनिधि मंडल में चेम्बर के जिलाध्यक्ष आकाश आहूजा, प्रदेश मंत्री सलीम हिंगोरा, वरिष्ठ सलाहकार त्रिलोक सिंह मुटरेजा,उपाध्यक्ष प्रभु राजपुरोहित,मंत्री मनोज ठाकुर, अविनाश तिवारी उपस्थित रहे |

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