रेल संकट के विरोध में जनता कांग्रेस ने रेल मंत्री और सांसदों का प्रदेशभर में किया पुतला दहन।

रेल संकट के विरोध में जनता कांग्रेस ने रेल मंत्री और सांसदों का प्रदेशभर में किया पुतला दहन।
– राज्य सरकार के निक्कम्मेपन और केंद्र सरकार के सौतले व्यवहार का खामियाजा भुगत रही है आम जनता।
– छत्तीसगढ़वासियों ने 11 सांसदों को दिल्ली में पुतला बनने नहीं बल्कि आवाज़ उठाने भेजा है।
रायपुर, 25 जून, 2022: छत्तीसगढ़ में भीषण रेल संकट के विरोध में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में केंद्रीय रेल मंत्री और छत्तीसगढ़ के 11 सांसदों का पुतला दहन किया।कोयला परिवहन के नाम पर पिछले लगभग चार महीनों से रेल मंत्रालय छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली लगभग सभी प्रमुख ट्रेनों को निरंतर रद्द कर रहा है जिससे प्रदेश के 15 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। शादी-ब्याह, खेती-किसानी के सीजन में ट्रेनों के आये दिन रद्द होने से आम जनता में खासा आक्रोश है। रोजी-रोटी कमाने ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ देश का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है और बदले में रेल मंत्रालय ही छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है।वहीँ रेल संकट पर चुप्पी साधने और चिट्ठी लिखकर खानापूर्ति करने वाले छत्तीसगढ़ के कांग्रेस और भाजपा के 11 सांसदों के निक्कम्मेपन के विरुद्ध भी जनता में भारी रोष है।आखिर इन सांसदों को जनता ने दिल्ली में पुतला बनकर बैठने नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के हित और अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने चुना है। जनता कांग्रेस के … … …. ….ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र पर दोष डालकर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती। मुख्यमंत्री और पूरा मंत्रिमंडल दस दिनों से दिल्ली में अपने नेता को सवाल पूछने पर सड़कों पर धरना प्रदर्शन कर सकता है तो रेल संकट पर रेल मंत्रालय का घेराव क्यों नहीं ? केंद्र सरकार की असंवेदनशीलता और राज्य सरकार की निष्क्रियता का खामियाजा छत्तीसगढ़ की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। रेल संकट का मुद्दा किसी दल का नहीं बल्कि यह छत्तीसगढ़वासियों के रोजमर्रा के जीवन से जुड़ा मुद्दा है। प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों को एक साथ मिलकर दिल्ली कूच करना चाहिए और रेल मंत्रालय में बैठकर रेल संकट का निराकरण करना चाहिए।