नीलापानी त्रिवेणी संगम में खुदाई के दौरान निकली शिव प्रतिमा, जानें क्यों प्रसिद्ध है यह स्थल
डूंगरपुर. राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर जिले में नीलापानी त्रिवेणी संगम (Nilapani Triveni Sangam) खुदाई के दौरान भगवान शिव की प्रतिमा निकली है. शिव प्रतिमा (Shiva statue) निकलने की सूचना के बाद वह ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया. ग्रामीणों ने इस प्रतिमा को विधि विधान से पूजा अर्चना कर नीलकंठ महादेव मंदिर में रखने की तैयारी शुरू कर दी है. शिवजी की यह मूर्ति जहां निकली वह सापण और गोह नदी का संगम स्थल है. यहां पर दीवाली के बाद चौदस पर 3 दिवसीय मेला भरता है.
जानकारी के अनुसार डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा पंचायत समिति के करौली ग्राम पंचायत नीलापानी पादरड़ी में पंचायत की ओर से पुल का निर्माण करवाया जा रहा है. पर त्रिवेणी संगम खुदाई के दौरान रविवार को यह मूर्ति दिखाई दी. यह मूर्ति नदी में रेत और कंक्रीट के बीच दबी हुई थी. इस पर मजदूरों ने मिट्टी को पूरी तरह से वहां से हटाकर उसे सुरक्षित बाहर निकला. ग्रामीणों को जैसे ही मूर्ति निकलने की सूचना मिली तो वे वहां जुटने लग गये
यहां अस्थियों का विसर्जन करने दूर दूर से आते हैं लोग
करौली सरपंच बालशंकर मनात और वार्ड पंच हाजा मनात सहित कई ग्रामीणों मूर्ति को विधि विधान से पूजा कर नीलकंठ महादेव मंदिर में रखने की तैयारी शुरू कर दी है. ग्रामीणों ने बताया कि सापण और गोह नदी के इस संगम स्थल पर दीवाली के बाद चौदस पर 3 दिवसीय मेला भरता है. इसके साथ ही यहां पर मेले के दिन लोग अपने मृतक परिजनों की अस्थियों का विसर्जन करने दूर दूर से आते हैं.पहले भी खुदाई के दौरान आभूषण और सिक्के मिल चुके हैं
रूप चौदस पर यहां तांत्रिक भी रात के अंधेरे में कर्म कांड करने पहुचते हैं. बताया जाता है कि नीला पानी के कुंड में कभी पानी खत्म नहीं होता है. यहां पर एक तरफ करिया पहाड़ है तो दूसरी तरफ नीलकंठ महादेव मंदिर पर्यटकों को आकर्षित करता है. यहां मंदिर के पीछे पहाड़ में एक रहस्यमय गुफा भी बनी हुई है. बुजुर्गों का कहना है कि यहां पहले भी कई बार खुदाई के दौरान लोगों आभूषण और सिक्के मिले हैं. ग्रामीणों के मुताबिक पुरातत्व विभाग अगर इस क्षेत्र पर ध्यान दे तो यहां पर्यटकों के लिए एक अच्छा स्थल विकसित हो सकता है.