मैथिल एवं मिथिलांचल का भारत तथा विश्व के विकास में योगदान पर अंतर्राष्ट्रीय समारोह 26 को
दुर्ग । मैथिल ब्राम्हण एवं मिथिलांचल का भारत तथा विश्व के विकास में योगदान पर अंतर्राष्ट्रीय समारोह सांस्कृतिक कार्यक्रम, बहुभाषी काव्यगोष्ठी रविवार, 26 जून को रायपुर अविभाजित मध्यप्रदेश में सन् 1185 से निवासरत तथा छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश,विदर्भ एवं उत्तरप्रदेश मैथिल समाज के मूर्धन्य जनों पर केंद्रित एवं प्रसिद्ध साहित्यकार एवं इतिहासविद डॉ.रर्मेंद्रनाथ मिश्र द्वारा लिखित ऐतिहासिक किताब सगर्भय-संस्तव का विमोचन सेलीब्रेशन,फाफाडीह चौक,जेल रोड, रायपुर छ. ग. में आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम के संयोजक पंडित विजय कुमार झा मनीष कुमार झा ने बताया कि किताब में विशेष तथ्य पं. रघुवंश नाथ ठाकुर शिक्षाविद्,बिलासपुर,मध्यप्रांत, सी.पी.बरार के गर्वनर ई. राघवेन्द्र राव के गुरू थे।1933 में महात्मा गांधी रायपुर पुरानी बस्ती के नया मंदिर में आये थे तो समीप के कुँए से एक हरिजन बालक से पानी निकलवाकर लोगों को जलपान करवाया गया।इसके समक्ष पं. हीरानंद शास्त्री,यदुवंशनाथ ठाकुर,सरयूकांत झा थे।
1185 में दक्षिण कोसल की राजधानी रतनपुर में पं.संकर्षण ठाकुर मिथिला से आए थे। इस समारोह में 51 विशिष्टजनों को विभिन्न अलंकरणों से सम्मानित किया जायेगा जिसमें कुमारी प्रीति झा,छत्तीसगढ़ सिविल जज परीक्षा की टॉपर, अतुलेश झा आई.ए.एस. 131 वां रैंक उत्तरप्रदेश,आनंद झा गोल्ड मैडल,मैथिल समाज ऐसे छात्र-छात्राएं जिनका मेडिकल में सेलेक्शन हुआ है तथा डॉ.ऋचा ठाकुर,डॉ. स्वप्निल कर्महे (नृतयांगना), मंजू झा,योगा एक्सपर्ट, कृष्ण मोहन झा पत्रकार,डॉ.चन्द्रेश्वर रतन टाटा के पूर्व प्रबंधकीय सलाहकार,डॉ.बसंतलाल झा
डॉ.अशोक अविचल, डॉ.बुद्धिनाथ मिश्र,डॉ.अवधेश झा,प्रोफेसर डॉक्टर शशांक शेखर ठाकुर,डॉ. सुषमा झा,डॉ.आभा मिश्रा शिक्षाविद अवनिन्द्र ठाकुर अरविंद ठाकुर, डॉ.विभाष पाठक,सुमेधा कर्महे,श्रिया झा,अमितेश पाठक (गायन), कल्पना झा, सलिला ठाकुर ज्योतिषी,आशीष ठाकुर फाइन आट्र्स,ऋनकार मिश्रा नासा रिसर्चकर्ता छात्र, कु.नविका झा,बंगलोर स्वर्णपदक,कु.अंशिका झा गणित ओलयम्पियड सहित आमंत्रित सभी प्रमुख अतिथियों का सम्मान किया
जायेगा।इस कार्यक्रम में अन्य देशों अमेरिका से सतीश झा,नेपाल से अनिल कुमार झा आदि पधार रहे हैं। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, विदर्भ, महाकौशल, उत्तरप्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, जमशेदपुर, महाराष्ट्र,राजस्थान आदि स्थानों से मूर्धन्य मैथिल लोग आ रहे हैं। 27 जून को छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थस्थल