शारदापारा अवासीय योजना के 1269 हितग्राहियों ने न्याय की मुख्यमंत्री से लगायेगी गुहार
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भिलाई। छत्तीसगढ राज्य के पूर्व मंत्री प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष बदरूदीन कुरैशी के निवास स्थान पर शारदापारा आवासीय योजना के हितग्राहियों के साथ रविवार को दिन के 10 बजे बैठक हुई। बैठक में हितग्राहियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री शिवकुमार डहरिया को एवं नगर निगम के महापौर एवं विधायक देवेन्द्र यादव को पत्र लिखकर आग्रह किया जाये कि बिलासपुर हाईकोर्ट डबल बैंच के निर्णय के मुताबिक शारदापारा आवासीय योजना के 1269 हितग्राहियों के लीज को नवीनकरण कर एवं भूखंड को सीमाकंन कर भूखंड का अधिपत्य देने का आदेश दिया जाये ताकि 30-40 साल से प्रभावित हितग्राहि अपना मकान बना सके।
कुरैशी ने पत्र में लिखा कि सन् 2004 जून में हितग्राहियों को समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि नगर पालिक निगम भिलाई की अनुशंसा पर छत्तीसगढ नगरीय प्रशासन द्वारा शारदापारा आवासीय योजना को निरस्त कर राज्य सरकार उक्त भूखंड में नई योजना बना रही है।ऐसी स्थिति में हितग्राहियों को मजबूर होकर बिलासपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पडा। नगर पालिक निगम भिलाई एवं राज्य शासन द्वारा ना ही विकास कार्य प्रारंभ किया गया और ना ही चारों सेक्टरों में आबंटित भूखंडों को चिन्हित करने का भी कार्य प्रारम्भ किया गया है। उसके बाद नगर निगम भिलाई द्वारा एकलपीठ के आदेश के विरूद्ध डबल बैंच में अपील प्रस्तुत कि गई जिसमें हितग्राहीयों की ओर से अपना पक्ष प्रस्तुत किया गया जिसमें डबल बैंच के विद्धान न्यायधीश श्री नवीन सिन्हा एक्टींग चीफ जस्टीफ एवं गौतम भादुरी ने स्पष्ट अपने आदेश लिखा है कि सिंगल बैेंच के विद्धान न्यायधीश ने भूख्ंाडधारीयों के अधिकार के पक्ष में निर्णय देते हुए कहा कि एकलपीठ के द्वारा विद्वान न्यायधीश ने अपीलार्थीयों की सभी बातों को ध्यान से सुना अपीलार्थी ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धानों के विपरित कार्य किया है बिना किसी पूर्वाग्रह के सिवाय कि अपीलार्थी विधि अनुसार इसमें कोई नई कार्यवाही कर सकता है हम इस आदेश पर हस्ताक्षेप का कोई कारण नहीं पाते है । किन्तु अपीलार्थी नगर निगम को अपने अधिकार की सुरक्षा हेतू विधि अनुसार कार्यवाही करने हेतू स्वतंत्र है उसके बावजूद नगर पालिका निगम भिलाई द्वारा बिलासपुर हाईकोर्ट के विद्वान न्यायधीश के आदेश को अनसूना करते हुये भूखंडधारी के लीज को नवीनकरण नहीं किया और उल्टा आरोप लगा दिया कि हितग्राही ने समय पर भवननिर्माण नहीं किया और भू-भाटक नहीं पटाया इसलिए भूखंडधारी के भूखंड को निरस्त किया जाता है।
आज भी भूखंडधारी सरकार नगर निगम भिलाई को चुनौती देती है कि एक भी मौके पर भूखंडधारीयों को मकान निर्माण करने के लिए चिन्हीत सीमाकंन तक नहीं किया मूलभूत सुविधा पानी, बिजली, सडक़, नाली की व्यवस्था किया गया पूरा भूखंड समतल नहीं यह बोलकर झूठा आरोप हितग्राहीयों पर लगाकर भूखंड को निरस्त कर दिया गया। इसलिए भूखंडधारीयों को पुन: बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत करनी पडी है सरकार तत्काल समस्या का निराकरण करने का वायदा कर दे तो भूखंडधारी मुकदमा वापस ले लेगें , हमें पूर्ण विश्वास है कि इस प्रकरण को गंभीरता पूर्वक इसे लेते हुये 30-40 वर्षो से सघर्षरत हितग्राहीयों को राहत दिलाने में सरकार सहयोग प्रदान करेगें। हितग्राही आपके आजीवन आभारी रहेगें। उपरोक्त कथन के लिए सरकार जब चाहे निरपक्ष अधिकारी को भेज कर इसकी जांच करा सकती हैं बैठक में हितग्राहि उपस्थित थे।