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*जिला शिक्षा अधिकारी के विरुध्द आपराधिक मामला दर्ज करने हेतु साजा थाना में हुई शिकायत*

*मामला कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा का*

 

*अपात्र लोगो को दिया जा रहा 21 माह से जीवन निर्वाह भत्ता*

 

*सेवा निवृत्त शिक्षक नारद सिंह राजपूत ने किया शिकायत*

 

*शासन को अब तक लगभग सात लाख रुपए का लग चुका है चुना*

 

*अवैध तरीके से दी गई राशि को दोषी अधिकारी कर्मचारी से वसूली की मांग*

 

*बेमेतरा:-* ज़िले के बहुचर्चित फर्जी शिक्षाकर्मियों मामले पर जिला प्रसाशन आखिर इतनी मेहरबान क्यो इस पर सवाल उठना लाजिमी है ऐसे लोग जिनकी शासकीय नौकरी में नियुक्ति ही नही हुई उस पर छग सिविल सेवा संहिता 1966 कैसे लागू ?

नारद सिंह राजपूत ने तीन वर्ष पूर्व भोला तिवारी और उपासना पांडे नामक शिक्षकों द्वारा कूटरचित दस्तावेजों से नौकरी करने की शिकायत डीईओ बेमेतरा के पास किए थे जांच में दोषी पाए जाने के बाद डीईओ ने साजा के तत्कालीन बीइओ डॉ नीलिमा गडकरी को साजा थाना में एफआईआर कराने निर्देश दिए थे तदुपरांत एफआईआर भी हुवा दोनो शिक्षक जेल के सलाखों के पीछे भी गए और मामला अभी साजा न्यायालय में लंबित भी है यह बातें डीईओ बेमेतरा भली भांति जान रहे है के बावजूद भी जानबूझकर नियमो को ताक में रखकर जीवन निर्वहन भत्ता का आदेश दिया ऐसे लोगो को जो कभी नौकरी की प्रक्रिया से ही नही गुजरे और अवैध हथकंडे अपनाकर नौकरी हासिल किया जो शासकीय कर्मचारी ही नही उस पर सिविल आचरण के हवाला देकर निलंबन अवधि में मिलने वाली जीवन निर्वाह भत्ता को अवैध तरीके से दिया जाना आपराधिक मामला बनता है शायद ये हिंदुस्तान की पहली घटना होगी जो नौकरी में ही नही लगा उसे दश वर्षो तक वेतन लाभ दिया गया शिकायत पर सेवा समाप्त होने के बाद जीवन निर्वहन भत्ता ऐसे कृत्यों को अंजाम देने वालो पर प्रशासन की निगाह क्यो नही जा रही है अकेले बेमेतरा जिले में अवैधानिक तरीके से नौकरी करने वाले शिक्षाकर्मियों जो सहा शिक्षक एल बी बन चुके है उनको वेतन के रूप में कई वर्षों से करोड़ो रूपये प्रति माह भुगतान किया जा रहा भोला तिवारी और उपासना पांडे को डीईओ के जिस पत्र के हवाले से निर्वाह गुजारा भत्ता दिया जा रहा है उसमे डीईओ बेमेतरा स्वंय लिखे है कि उक्त लोगो की नियुक्ति फर्जी नियुक्ति ऑर्डर फर्जी सर्विस बुक फर्जी ट्रांसफर आदेश से नौकरी करने का उल्लेख किए है उक्त शिक्षकों की शिकायत पर जांच भी डीईओ बेमेतरा ने किया इन पर पुलिस थाना साजा में एफआईआर भी इनके आदेश में ही हुवा फिर भी इनके द्वारा निर्वाह गुजारा भत्ता दिया जाना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है उक्त फर्जी शिक्षकों को मिलने वाली निर्वाह गुजारा भत्ता पर तत्काल रोक लगाते हुए ऐसे कुकृत्य कर शासन को आर्थिक नुकसान पहुचाने वालो के विरुद्ध भी आपराधिक मामला दर्ज कर निर्वाह गुजारा भत्ता के रूप में भुगतान की गई राशि का मय ब्याज सहित वसूली भी किये जाने के लिए नारद सिंह राजपूत द्वारा थाना प्रभारी साजा को प्रमाणिक शिकायत पत्र दिया गया साथ ही कलेक्टर बेमेतरा और शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को भी उचित कार्यवाही हेतु प्रतिलिपि दी गई है

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