दुर्ग जामामस्जिद का चुनाव पारदर्शिता से कराने शरीफ खान ने कलेक्टर और वक्फबोर्ड से की मांग
दुर्ग। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेंटी अल्पसंख्यक विभाग दुर्ग संभाग के पूर्व अध्यक्ष मो शरीफ खान ने दुर्ग जामा मस्जिद के चुनाव को पारदर्शिता पूर्वक कराये जाने की मांग करते हुए दुर्ग जिला कलेक्टर एवं वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जी मिन्हाजुद्दीन को पत्र लिखकर कहा कि जामा मस्जिद दुर्ग चुनाव में मतदाता परिचय पत्र से चुनाव कराने की मांग की और दावा आपत्ति के लिए समय निर्धारित करने की मांग की है। मो शरीफ खान ने कहा कि चुनाव पूर्व मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाता है। दावा आपत्ति दर्ज की जाती हैं स्कूटनी पश्चात किसी भी चुनाव को कराया जाता है किंतु बिना मतदाता सूची के प्रकाशन के पूर्व चुनाव कराया जाना अनेक प्रकार के सन्देहों को जन्म देता है। आखिर किसके दबाव में और किस व्यक्ति को लाभ पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा हैं। मो शरीफ खान ने कहा कि मतदाता सूची का प्रकाशन होने के बाद ही निर्वाचन की प्रकिया की घोषणा की जाती हैं। लेकिन बिना मतदाता सूची के प्रकाशन पूर्व चुनाव किया जाना नियम विरुद्ध है।
विदित हो कि कमेटी द्वारा विगत दिनों कराए गए बैठक में निर्णय लिया गया है कि 26 से 31 मई तक मतदाता सूची में नाम जोडने की अंतिम तिथी होगी। वही मतदाता सूची का प्रकाशन 2 जून तय किया गया है। ज्ञापन सौंपने वालो का कहना है कि किसी व्यक्ति का मतदाता सूची में नाम नही होने पर दावा आपत्ति का समय नही दिया गया है। वही प्रत्याशियों को 2 जून 2022 से 5 जून 2022 तक नामांकन पत्र दाखिल करने का समय दिया गया है। नाम वापसी हेतु 6 जून 2022 है। प्रत्याशियों के नामांकन की जांच 7 जून 2022 है, वहीं प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटन 7 जून 2022 और चुनाव की तिथि 12 जून 2022 को घोषित किया गया है।
जिसे आपत्तिकर्ता ने न्याय संगत नहीं होना बताया गया है। कलेक्टर,अनुविभागीय अधिकारी, सहायक सर्वे आयुक्त, वक्फ दुर्ग एवं छ.ग. राज्य वक्फ बोर्ड को ज्ञापन प्रेषित कर कहा हैं कि जामा मस्जिद चुनाव में पुलिस प्रशासन के सिर्फ तीन व्यक्तियों के जिम्मे ये पूरा चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न होगी। जबकि समाज के अन्य लोगो को भी इस चुनाव प्रक्रिया से जोड़कर चुनाव की प्रक्रिया को आसान किया जाना चाहिए जो नही हुआ।जबकी कमेंटी में कम से कम 5 सामाजिक लोगो का जोड़ा जाना आवश्यक है। को इन नियुक्त 3 व्यक्तियों के साथ मिलकर निर्वाचन प्रकिया को सम्पादित कर पाये। और पूरी पारदर्शिता के साथ जामा मस्जिद के चुनाव को सम्पन्न किया जा सके।