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वृक्षारोपण को यज्ञ और पूजा-पाठ समझना चाहिए : शशिभूषण सोनी

विश्व की अनेक समस्याओं की तरह पर्यावरण भी एक विकराल समस्या हैं । आज यह मात्र समस्या ही नहीं बल्कि एक आपदा का रूप ले लिया हैं । इसी आपदा के कारण जलवायु में परिवर्तन हो रहा हैं । हम सबको यह नहीं भूलना चाहिए कि जल ही जीवन हैं । वृक्ष हमारे प्राण- दाता हैं । हमारे प्राण के रक्षक हैं । आज हम वृक्षों की अंधाधुंध कटाई छटाई व्यस्त हैं , उसकी चराई में लगे हुए हैं । इससे मौसम असंतुलित और पर्यावरण प्रदूषित हो रहा हैं । छत्तीसगढ़ में वनस्पतियों के विशाल भंडार हैं । इसके शोध, संरक्षण और दोहन की जरूरत हैं
•••••• उक्त बातें विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण प्रेमी एवं शासकीय महाविद्यालय चांपा में वाणिज्य विषय में सहायक प्राध्यापक रह चुके शशिभूषण सोनी ने कहा कि विभिन्न धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लकड़ियों , पत्तों और फूलों की आवश्यकता होती हैं , लेकिन आज हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वृक्षों की उपयोगिता को भूलकर भलें उनकी अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं , जो कि नुकसान देह हैं । इससे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा हैं । पेड़-पौधे हमारे प्राण हैं , उनकी कीमत पर किसी प्रकार के आयोजन नहीं होने चाहिए ! धार्मिक सामाजिक और अन्य आयोजन पूरी करने के लिए जरूरी नहीं है कि पेड़-पौधे ही काटे जाए । सूखी डालियों के माध्यम से भी धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा सकता हैं । आज कम से कम पर्यावरण दिवस के मौके पर एक पौधे लगाने का संकल्प लें । हम-सबको वृक्षारोपण अभियान को यज्ञ और पूजा-पाठ समझकर हमें अपनाना चाहिए । आज देखने-सुनने में आ रहा हैं कि रस्म अदायगी के तौर-तरीकों से आडंबर करके वृक्षारोपण किया जा रहा हैं थोड़े दिनो के बाद यहीं वृक्ष सुख जाते हैं ऐसै आडंबर बंद होने चाहिए । वृक्षारोपण अनिवार्य और नियमित रूप से होना चाहिए। केन्द्र और राज्य सरकारों को भी निर्देश देते हुए पेड़ों के कटान पर प्रतिबंध लगाकर पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही दिखावे की ओर वन संरक्षक वनभक्षक ना बन जाए हमें इसका ध्यान रखना चाहिए । आज हर देशवासियों के मन में यह भावना जगाने की आवश्यकता हैं कि हम हरी-भरी डालियों को ना काटेगें और ना ही काटने देंगें । विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए शशिभूषण सोनी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हम सबका मानवीय कर्तव्य हैं । यदि मनुष्य को अपनी संतति, परिवार सदृश्य अनमोल संपत्ति और भविष्य के आने वाली पीढ़ियों को बचाना हैं तो प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम पांच पेड़ लगाने ही होंगे । आइए हम-सब प्रदूषण मुक्त धरती के लिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाएं , लगवाएं और लोगों को लगवाने के लिए प्रोत्साहित करें । धरती को जितना अधिक स्वच्छ रखेंगे उतना ही अधिक हम स्वस्थ रहेंगे । अब भी समय हैं अगर वक्त रहते पर्यावरण संरक्षण किया जाए तो हमारा जीवन खुशहाल और सुरक्षित हो सकता हैं ।

वृक्ष लगाएं हम भरपूर , आक्सीजन की कमी कर दें दूर ।
वृक्षों की ना करें कटाई और चिराई , ये करते हैं सबकी भलाई ।।

पेड़-पौधें करते हैं वायु शुद्ध , मानव मन को करते मुग्ध ।
हैं अपार पेड़-पौधों में शक्ति, इन्हें लगाने का पर्यावरण दिवस पर लें संकल्प हर व्यक्ति ।।

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