ग्राम होनहेड़ में दो दिवसीय कबड्डी खेल प्रतियोगिता में पहुंचे जिला कलेक्टर

घने पहाड़ों की गोद में बसे गांवों को बेहतर रोड कनेक्टिविटी एवं अन्य सुविधाओं से संवारेगा प्रषासन
युवाओं के व्यक्तित्व विकास के लिए खेल एक उपयुक्त माध्यम – कलेक्टर
कोण्डागांव । दिनांक 30 दिसम्बर को विकासखण्ड केशकाल के पर्वतीय गांव होनहेड़ के युवा संगठन के तत्वाधान में दो दिवसीय कबड्डी प्रतियोगिता के आयोजन का जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम द्वारा शुभारंभ किया गया। जिला मुख्यालय से लगभग 55 कि.मी. दूर इस सुदूर ग्राम के ग्रामवासी पहली बार कलेक्टर को अपने समक्ष पाकर बेहद उत्साहित नजर आए। मौके पर जिला कलेक्टर ने खेल प्रतियोगिता के अलावा ग्राम के विभिन्न समस्याओं एवं मांगो पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यह सही है कि ग्रामों में मूलभूत सुविधाऐं जैसे आवागमन, विद्युत, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य आदि सुविधाओं का विकास होना चाहिए और यह मांग करने का ग्रामीणों को अधिकार भी है। परन्तु अधिकार के साथ कत्र्तव्य भी जरुरी है और इसकी शुरुवात बच्चों की शिक्षा से शुरु होनी चाहिए। एक बच्चें के शिक्षा से ही गांव, परिवार, समाज और क्षेत्र के भविष्य की बुनियाद टिकी हुई होती है। अतः हर माँ-बाप का यह कत्र्तव्य है कि बच्चों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा से कोई समझौता न करे। इसके लिए गांव के पारा-मोहल्ले में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र एक महत्वपूर्ण संस्थान है जो आपके बच्चे के स्वास्थ्य और शिक्षा की नींव को मजबूत बनाती है। अकसर यह पाया जाता है कि ग्रामीण अपने बच्चों को आंगनबाड़ी एवं स्कूल न भेजकर घरेलू कार्यो अथवा ढोर-डंगर चराने भेज देते है जो कि सर्वथा गलत है। इसलिए जिले में आज कुपोषण की दर अधिक है यहां 40 हजार बच्चे कुपोषित है क्योंकि उनके पालको द्वारा शुरु से ही बच्चों के स्वास्थ्य की अनदेखी की गई और यह भी कड़वा सच है कि कुपोषण का दुष्प्रभाव बच्चे के पूरे जीवन को प्रभावित करता है। अतः इस तथ्य को गंभीरतापूर्वक सोच के हर पालक बच्चे को आंगनबाड़ी केन्द्र भेजे। शालेय शिक्षा के विषय में उन्होंने कहा कि बच्चे को स्कूल भेजना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि हर पालक बच्चे के पढ़ाई के विषय में रुचि ले और यह जानने का प्रयास करे कि बच्चे ने आज क्या पढ़ाई किया, अगर माता-पिता बच्चे की पढ़ाई में रुचि लेेंगे तो स्वतः ही विद्यार्थी भी पढ़ाई पर ध्यान देगा। अंत में उन्होंने कबड्डी खेल प्रतियोगियो को शुभकामना देते हुए कहा कि खेल प्रतियोगिताऐं युवाओं में नेतृत्व क्षमता के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास में भी सहायक होती है अतः इस प्रकार के आयोजन ऐसे दूर-दराज के ग्रामों में अवश्य होने चाहिए।
इस दौरान ग्रामीणों ने भी कलेक्टर के समक्ष अपनी गांव की समस्याऐं बेबाकी से रखा, इनमें आवागमन हेतु रोड, पुल-पुलिया, छात्रों के लिए हाईस्कूल, छात्रावास भवन की मांगे थी। जिसके लिए कलेक्टर ने गंभीरता से पूरा करने का आश्वासन दिया।
इसके साथ ही खेल कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष जिला पंचायत देवचंद मातलाम ने भी ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए राज्य शासन की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि से संबंधित योजनाओं से ग्रामीणों को लाभ लेने की अपील की। उल्लेखनीय है कि ग्राम होनहेड़ के अलावा इसके आसपास के अन्य ग्राम कुपोगोंदी, सेन्दुरमेटा, उमड़ादाहा, घोड़ाझर, उपरमुरवेण्ड, मातेंगा, खालेचंदेली जैसे ग्राम पूरी तरह पहाड़ो से घिरे हुए क्षेत्र है जहां आवागमन, शिक्षा जैसी सुविधाओं की बेहद दरकार है ऐसे में जिला कलेक्टर का इन क्षेत्रो में दौरा करना महत्वपूर्ण मायने रखता है।
इस मौके पर एसडीएम धनंजय नेताम, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जी.एस.सोरी, कार्यपालन अभियंता अरुण शर्मा, तहसीलदार राकेश साहू सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
सबका संदेस ब्यूरो, कोंडागांव 9425598008