मां सतरुपा शीतला मंदिर चुनाव
अध्यक्ष पद पर पूर्व जनपद उपाध्यक्ष देशमुख व पूर्व पार्षद सिंह आमने-सामने
1 सितंबर को मतदान, कुल 130 सदस्य करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
दुर्ग। कसारीडीह सिविल लाईन स्थित मां सतरुपा शीतला मंदिर के 4 वर्षीय कार्यकाल वाले प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव के लिए अब मात्र एक दिन का समय ही शेष रह गया है। लिहाजा सभी पदों के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के लिए एड़ीचोटी का जोर लगाए हुए है। चुनाव के कुल 7 में से 6 पदो के लिए 1 सितंबर को मतदान होने है। मतदान के लिए सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 130 सदस्य करेंगे। संयुक्त सचिव पद पर जितेन्द्र निर्मलकर पहले ही निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए जा चुके है। इस चुनाव की प्रक्रिया मुख्य चुनाव अधिकारी अधिवक्ता महेन्द्र कुमार दिल्लीवार व सहायक चुनाव अधिकारी अधिवक्ता रामकली यादव और संजय डहरवाल के मार्गदर्शन में पूरी की जा रही है। चुनाव में अध्यक्ष पद पर पूर्व पार्षद संजय सिंह और पूर्व जनपद उपाध्यक्ष कृष्णा देशमुख के आमने-सामने होने से मां सतरुपा शीतला मंदिर का यह चुनाव काफी चर्चा में आ गया है। दोनों प्रत्याशी ने चुनाव में बकायदा अपना पैनल उतारा है। अध्यक्ष प्रत्याशी संजय सिंह के पैनल से उपाध्यक्ष रणधीर सिंह राजपूत, सचिव लक्ष्मीकांत शर्मा, कोषाध्यक्ष संतोष कुमार सिन्हा और प्रबंध कार्यकारिणी के दो पद के लिए दीपक यादव व राजा सिंह राजपूत अपनी किस्मत आजमा रहे है। इस पैनल से संयुक्त सचिव पद पर जितेन्द्र निर्मलकर पहली ही निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए है। इसी प्रकार अध्यक्ष पद के प्रत्याशी कृष्ण देशमुख ने अपने पैनल से उपाध्यक्ष पद पर सुरेन्द्र कुमार धर्माकर, सचिव रोमनाथ साहू, कोषाध्यक्ष जगदीश गुप्ता और प्रबंध कार्यकारिणी पद के लिए प्रदीप देशमुख व अरुण साहू को प्रत्याशी बनाया है। जबकि कोषाध्यक्ष पद पर एक प्रत्याशी शिवसागर सिन्हा ने इस चुनाव में अपनी निर्दलीय प्रत्याशी ने दावेदारी ठोकी है। अध्यक्ष पद के प्रत्याशी संजय सिंह ने समिति के संरक्षक रहते हुए मंदिर के विकास में अपना अहम योगदान दिया है। वहीं दूसरे पैनल के अध्यक्ष प्रत्याशी कृष्णा देशमुख पिछले कार्यकाल में कार्यकारी अध्यक्ष के रुप में उल्लेखनीय कार्य किए है। दोनों पैनल ने मंदिर का विकास व व्यवस्थाओं में परिवर्तन को अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बना रखा है। इसके अलावा चुनाव में अन्य मुद्दे भी काफी असरकारी साबित हो रहे है।