केशकाल के ग्राम उमड़ादाहा में ग्रामीणों को शीघ्र मिलेगी सड़क की सौगात
कोण्डागांव । केशकाल के ऊंची पहाड़ियों में बसे ग्राम उमड़ादाहा के निवासियों के लिए दिनांक 30 दिसम्बर का दिन यादगार रहेगा। जब जिले के कलेक्टर नीलकंठ टीकाम बाईक में सवार होकर इस चट्टानी पर्वत श्रृंखलाओं में बसे ग्रामीणों से मिलने पहुंचे और ग्रामीणों के रोड बनाने की मांग को तत्काल स्वीकृत कियां। ज्ञात हो कि कांकेर एवं कोण्डागांव जिले के सीमाओं पर बसे इस पर्वतीय ग्राम के निवासी वर्षो से चट्टानी पहाड़ी घुमावदार रास्तो से नीचे उतरकर ब्लाॅक मुख्यालय केशकाल या जिला मुख्यालय कोण्डागांव या जिला कांकेर पहुंचपाते थे। इसमें केशकाल पहुंचने के लिए सबसे पहले 24 कि.मी. कांकेर, फिर 13 कि.मी. का फासला तय कर केशकाल पहुंचना होता था। इस तरह उन्हें लगभग 40 से 45 कि.मी. की दूरी तय करनी पड़ती थी। यहां रहने वाले श्रम साध्य जीवन के आदी ग्रामीण निवासियों ने यथा शक्ति पहाड़ से नीचे उतरने के लिए श्रमदान कर पहाड़ी पगडंडी का निर्माण किया है यही उनके मुख्यालय पहुंचने का एक मात्र संपर्क साधन था। ज्ञात हो कि इस पहाड़ी भू-भाग में लगभग 9 गांव होनहेड़, कुपागोंदी, सेंदुरमेटा, उमड़ादाहा, घोड़ाझर, उपरमुरवेण्ड, मातेंगा, खालेचंदेली जैसे गांव की बसाहट है। जो सालो से आवागमन की समस्या से जुझ रहे थे परन्तु अब कलेक्टर के स्वीकृत से बनने वाले होनहेड़ से उमड़ादाहा (13 कि.मी.), उमड़ादाहा से मातेंगा (6 कि.मी.) की सड़क बनने से ब्लाॅक मुख्यालय केशकाल की दूरी मात्र 22 कि.मी. रह जायेगी। गौरतलब है कि कलेक्टर के इस तरह अचानक बाईक से पहुंचने पर स्थानीय ग्रामीण भी भौचक्के थे तत्पश्चात परिचय होने पर ग्रामीण महिलाओं एवं पुरुषो ने कलेक्टर से खुलकर अपनी मांगो एवं समस्याओं से अवगत कराया। जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने प्रत्यक्ष रुप से ग्रामीणों को हो रही कठिनाईयों को देखा और तत्काल रोड निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके अलावा उन्होंने ग्रामीणों से पेयजल, शिक्षा, विद्युत इत्यादि समस्याओं पर भी विचार विमर्श किया।
इस दौरान अध्यक्ष जिला पंचायत देवचंद मातलाम, एसडीएम धनंजय नेताम, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जी.एस.सोरी, कार्यपालन अभियंता अरुण शर्मा, तहसीलदार राकेश साहू, सीईओ जनपद पंचायत केशकाल भुनेश्वर राज सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
सबका संदेस ब्यूरो, कोंडागांव 9425598008