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जितना समझा जा रहा था उससे कहीं भारी हैं सुदूर गैलेक्सी के तारे

ब्रह्माण्ड (Universe) के बारे में हमारे खगोलविदों के पास बहुत सी ऐसी जानकारी है जिसे प्रमाणित होना बाकी है. जैसे जैसे नए और उन्नत उपकरण आते जा रहे हैं, हमारे जानकारी के आंकड़ों में सुधार हो रहा है. कुछ पिंडों की दूरियों का मापन हो रहा है तो कुछ नए पिंड और ब्लैक होल का निर्माण,  सुपरनोवा, और गैलेक्सी के अंत जैसी परिघटनाओं भी देख पाना संभव हो पा रहा है ऐसे ही एक शोध में वैज्ञानिकों को सुदूर गैलेक्सी के तारों (Distant Galaxies) के बारे में पता चला है कि उनके तारों का अब तक जितना भार (Mass of Stars) समझा रहा था वे उससे कहीं भारी हैं.

पुरानी धारणाओं को चुनौती
कोपनहेगन यूनिवर्सिटी के नील बोर इंस्टीट्यूट के खगोलभौतिकविदों की टीम का एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में प्रकशित अध्ययन में पुरानी धारणाओं को चुनौती देने वाले ऐसे नतीजे निकाले है. लंबे समय से सुदूर गैलेक्सी के तारे कैसे दिखाई देते हैं यह इंसानों के अध्ययन के प्रिय विषयों में शमिल रहा है. पिछले 67 सालों से यही धारणा रही है कि ब्रह्माण्ड में  सुदूर गैलेक्सी स्थित तारों का संयोजन हमारी गैलेक्सी के अरबों तारों की रह रहा है.

14 लाख गैलेक्सी का अवलोकन
लेकिन आधुनिक प्रतिमानों और ब्रह्माण्ड में फैली 14 लाख गैलेक्सी के अवलोकनों की मदद है शोधकर्ताओं ने यह परीक्षण किया कि जिस तरह से हमारी गैलेक्सी  मिल्की वे में तारों का वितरण हैं  क्या उसी तरह का वितरण दूसरी गैलेक्सी में भी है. इस पड़ताल में शोधकर्ताओं ने उम्मीद के विपरीत पाया इस सवाल का जवाब नाकारात्मक है.

बदल जाएगी बहुत सारी जानकारी
उन्होंने पाया कि सुदूर गैलेक्सी में, हमारे स्थानीय पड़ोस के तारों की तुलना में  तारे आमतौर पर और ज्यादा भार वाले होते हैं  इस पड़ताल के नतीजों का हमारी ब्रह्माण्ड के बारे में सोच और धारणाओं पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. इस अध्ययन के प्रथम लेखक और नील बोर इंस्टीट्यूट के स्नातक छात्र अल्बर्ट स्नेपेन ने बताया कि तारों के भार से बहुत सारी जानकारी मिलती है जो नई जानकारी से बदल जाएगी.

क्या क्या बदल सकता है
स्नेपेन ने बताया कि यदि आप भार में  बदलाव करते हैं  तो  आप उस तारे से निकले सुपरनोवा और  ब्लैक होल की संख्याओं को भी बदल देते हैं. उनके शोध का मतलब यही है कि हमें अब  बहुत सारी चीजों को बदलना होगा जिनके बारे में हमने कभी पहले से अनुमान लगा लिया था क्योंकि सुदूर गैलेक्सी बहुत ही अलग दिखाई देती हैं.

शक्तिशाली टेलीस्कोप की कमी
पिछले पचास साल से भी ज्यादा समय से शोधकर्ताओं ने यह मान कर रखा हुआ था कि दूसरी गैलेक्सी में तारों का आकार और भार हमारी खुदी की गैलेक्सी की तरह होते हैं. इसकी एक सरल वजह यह थी कि वे अपने टेलीस्कोप से सुदूर गैलेक्सी के तारे नहीं देख पाते थे जैसे वे अपनी गैलेक्सी के तारे देखते थे. वो गैलेक्सी अरबों प्रकाश वर्ष दूर स्थिति हैं. इसका नतीजा यह है कि उनमें से केवल शक्तिशाली तारों की ही रोशनी पृथ्वी तक आ पाती है.

हिमखंड का शीर्ष
यह तथ्य पिछले कई सालों से खगोलविदों के लिए सरदर्द बना हुआ था क्योंकि वे कभी सटीक तौर से यह स्पष्ट नहीं कर पाते थे कि दूसरी गैलेक्सी में तारों का वितरण कैसा था. इसी अनिश्चितता की वजह से उन्हें यह मानना पड़ा था कि उन गैलेक्सी में भी मिल्की वे की ही तरह तारों का वितरण है. शोधकर्ताओं का कहना है कि हम बहते हुए हिमखंड का शीर्ष ही देख पाते थे.शोधकर्ताओं ने बताया कि लंबे समय से यही माना जाता रहा कि दूसरी गैलेक्सी को हमारी गैसेक्सी की तरह दिखने की उम्मीद करना सही मान्यता नहीं है, लकिन कोई भी यह सिद्ध भी नहीं कर सका कि दूसरी गैलेक्सी हमारी गैलेक्सी से अलग ही हैं और इस अध्ययन ने यही किया है. इससे गैलेक्सी तारों का निर्माण करना बंद क्यों कर देती हैं, जैसे कई सवालों के जवाब मिल सकेंगे.

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