छत्तीसगढ़

सीए सेमीनार में विशेषज्ञों ने उधेड़ी जीएसटी की परतें

भिलाई। आईसीएआई की सीआईआरसी की भिलाई शाखा में जीएसटी पर एक सेमीनार का आयोजन किया गया। जीएसटी के विशेषज्ञों ने इसमें परत-दर-परत जीएसटी कानून और उसकी विसंगतियों की सूक्ष्म विवेचना की। इनमें राजनांदगांव से पधारे अतिथि वक्ता सीए रमनदीप सिंह भाटिया तथा नागपुर से पधारे अतिथि वक्ता सीए प्रीतम राधेश्याम बत्रा शामिल थे। इन दो सत्रों में आईसीएआई की सीआरसी भिलाई के पूर्व चेयरमैन सीए महावीर जैन तथा सीए राजेन्द्र कोठारी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।

पहले सत्र को संबोधित करते हुए सीए रमनदीप सिंह भाटिया ने आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट), आपूर्ति तथा मूल्यांकन के चुनिंदा केसों पर अपने वक्तव्य को केन्द्रित किया। उन्होंने जीएसटी कानून की विभिन्न धाराओं को सही ढही ढंग से पढऩे, समझने और उसकी व्याख्या करने के गुर बताए। उन्होंने बताया कि किस तरह कॉमा, कोलन और सेमी कोलन वाक्यों के बीच के संबंधों को परिभाषित करते हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों के समक्ष वाद प्रस्तुत करते समय किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने मोहित मिनरल्स केस की विस्तार से चर्चा करते हुए इस केस में आए आदालती फैसलों की जानकारी दी।

वहीं दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए सीए प्रीतम राधेश्याम बत्रा ने कहा कि जीएसटी नोटिस को समझें। नोटिस मिलते ही हड़बड़ाएं नहीं, उसे समझें और उसके अनुरूप ही जवाब दाखिल करें। उन्होंने रिटर्न भरने की विभिन्न धाराओं की विस्तार से चर्चा की। कर बकाया पर ब्याज और पेनाल्टी की स्थितियों को भी उन्होंने विस्तार से समझाया। उन्होंने बेहद रोचक तरीके से सवाल-जवाब के माध्यम से अपनी बात रखी।

सेमीनार के आरंभ में आईसीएआई-सीआईआरसी की भिलाई शाखा के सचिव सीए सूरज सोनी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए ब्रांच द्वारा अपने सदस्यों की सुविधा के लिए चलाई जा रही योजनाओं का संक्षिप्त विवरण दिया। मंच संचालन एमओसी सीए शुभम जैन किया। इस अवसर पर ब्रांच के चेयरमैन सीए प्रदीप पाल, सीए अजय सोमानी सहित सीए बिरादरी के अनेक सदस्य उपस्थित थे।

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