छत्तीसगढ़

दुर्ग के बाइकर्स गैंग में शामिल दुर्गेश को अत्यधिक तेज गति में रेसिंग करना पड़ गया भारी

भिलाई। सीएम और एचएम के गृह जिले में इन दिनों बाईकर्स गैंस और बुलेट गैंग से लोग भारी हलाकान है। पुलिस इन पर लगाम लगाने में असहाय दिखाई दे रही है। वे केवल भोले भाले और सीधे साधे लोगों को पकडककर भारी भरकम चालान काटकर ही अपनी इतिश्री कर ले रही है।

इसका खामियाजा तेज गति में बाईक चलाने वाले तो स्वयं भुगत ही रहे है, इसका खामियाजा आम पब्लिक को भारी भुगतना पड़ रहा है। भिलाई में दो गैंग ऐसे है जो स्वयं तो अपनी जान जोखिम में डाल ही रहे है, इसके साथ  ही वे अन्य लोगों के जान से भी खिलवाड़ कर रहे है जिसमें पहला गैंग बाईकर्स और दूसरा बुलेट गैंग है।

जहां बाईकर्स प्रतिदिन शाम ढलने के बाद अत्यधिक तेज गति से रेसिंग कर रहे है तो दूसरा बुलेट गैंग अपने बुलेट में अलग टाईप के आवाज वाला साईलेंसर लगाकर फट फट और पटाखे की तेज आवाज को छोड़ते और भारी हल्ला करते हुए सड़क पर लोगों को हलाकान कर रहे है, इन बुलेट गैंग वालें के अचानक तेज साउंड में पटाखे कीआवाज करने से आस पास के लोग अनबैलेंस होकर गिर तो रहे ही है कई लोगों को दिल का दौरा भी पडऩे लगा है। पुलिस चाहे तो शहर का सीसीटीव्ही फुटेज देखकर कार्यवाही कर सकती है लेकिन पुलिस में इस प्रकार के कृत्यों पर लगाम लगाने की कार्य के लिए इच्छा शक्ति की कमी है।
आज इसी का नतीजा है कि बीती रात सेक्टर 6 बीएसपी स्कूल के पास बाइकर्स गैंग का युवक अत्यधिक तेज गति से रेसिंग करते हुए प्रसाद लेकर जाती हुई महिलाओं को और एक युवकक को जर्बदस्त ठोकर मारते हुए अपना संतुलन खो बैठा और दूर जा गिरा जिससे उसको अंदरूनी चोट आई और अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस को जांच में पता चला है जिस बाइक सवार दुर्गेश गोस्वामी (22 साल) की जान गई है। वह दुर्ग के बाइकर्स गैंग का सदस्य था। उसने गैंग में शामिल होने के लिए कुछ महीने पहले ही लगभग दो लाख रुपए में केटीएम की स्पोट्र्स बाइक खरीदी थी। इस गैंग में करीब 10-15 लड़के हैं। ये सभी हर रोज देर शाम बाइक से रेसिंग व स्टंट करते थे। इसके बाद भी पुलिस इनकी स्पीड पर लगाम नहीं लगा पाई।

भिलाई नगर थाने के जांच अधिकारी एएसआई भोजराम साहू ने बताया कि मृतक की पहचान दुर्गेश गोस्वामी पिता स्व. विपिन गोस्वामी के रूप में हुई है। वह वार्ड 58 हॉस्पिटल सेक्टर का रहने वाला है। दुर्गेश के पिता नहीं हैं। मां प्राइवेट जॉब करके घर चलाती है। दुर्गेश दो भाई एक बहन में सबसे छोटा है। वह खुद प्राइवेट जॉब करता था। अपनी वेतन से पैसे जमा करके ही उसने दो तीन महीने पहले स्पोट्र्स बाइक खरीदी थी। घरवालों को यह नहीं पता कि वह हर दिन वह सेक्टर की सड़कों पर बाइक रेसिंग करता है। दुर्गेश हर दिन की तरह गुरुवार शाम घर में यह कहकर निकला था कि वह जॉब पर जा रहा है।

इसके बाद वह गैंग के सदस्यों से सेक्टर 9 चौक में मिला और रोज की तरह उनकी रेसिंग शुरू हो गई। रात 9 बजे के करीब वह सेक्टर 5 में 7 मिलियन चौक के पास सेक्टर बीएसपी स्कूल के पास जैसे ही पहुंचा उसका संतुलन बिगड़ गया। खिचड़ी का प्रसाद लेने जा रही महिलाओं के बगल से उसने जिगजैग स्टाइल से बाइक निकाली तो महिलाएं हड़बड़ा गईं और बाइक से टकरा गई। इससे दुर्गेश दो महिलाओं एक युवक को टक्कर मारते हुए दूर जा गिरा। अंदरूनी चोट आने से वह वहीं बेहोश हो गया। जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक की स्पीड में दुर्गेश ने दो महिलाओं और एक पुरुष को टक्कर मारी थी। इसमें दोनों महिलाएं हवा में उछलकर दूर जा गिरीं और उनके हाथ पैर टूट गए। महिलाएं और युवक को कितनी चोटें आई और वे कौन थे इसके बारे में अभी पुलिस पता नहीं कर पाई है। पुलिस का कहना है कि उनका उपचार चल रहा है। जांच के दौरान उनका नाम पता नोट करके बयान दर्ज किए जाएंगे।

थानो के सामने से तेज रफ्तार में निकलते है बाइकर्स,
आपको बता दें बाइकर्स गैंग के सभी लड़के तेज साउंड वाले साइलेंसर का उपयोग करते हैं। इनके द्वारा फुल रफ्तार में सेक्टर 9 चौक से सेक्टर 1 चौक तक रेसिंग की जाती थी। हर दिन वो पुलिस कंट्रोल रूम और भिलाई नगर थाने के सामने से 100 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक रफ्तार में निकलते थे। पुलिस अधिकारियों को इनके बारे में जानकारी भी होती थी, लेकिन वह इन्हें पकडऩे से डरती रही। कई बार पुलिस ने तेज साउंड और रफ्तार वाली बाइक की जब्ती की, लेकिन इन बाइकर्स गैंग के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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