पिकनिक के लिए नहीं आएं इस्पात राज्यमंत्री, निजीकरण पर भ्रम भी करें दूर

भिलाई। आचार्य नरेंद्र देव स्मृति जनअधिकार अभियान समिति और भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान भिलाई ने सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर चिंता जाहिर की है। समिति के संयोजक और प्रतिष्ठान के अध्यक्ष आरपी शर्मा ने 30 अगस्त को इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के प्रस्तावित दुर्ग-भिलाई दौरे पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि दिल्ली से आने वाले मंत्री यहां सिर्फ पिकनिक के लिए नहीं आएं बल्कि आमजनता के मन में घर कर चुके निजीकरण के भय और भ्रम को भी दूर करें।
शर्मा ने जारी बयान में कहा है कि मौजूदा केंद्र सरकार की नीतियों से अब आम जनता को यह पक्का यकीन हो गया है कि आने वाले 5 साल में शायद ही कोई सार्वजनिक उपक्रम बचेगा। जिस तरह एकमुश्त अथवा टुकड़े-टुकड़े में सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है, उससे कर्मचारी हताश हैं। उन्होंने कहा कि उनकी समिति की ओर से सार्वजनिक उपक्रम बचाने लगातार मुहिम जारी है। जिसमें बीते वर्षों में भिलाई में जनमत संग्रह के बाद राजघाट में एक दिवसीय धरना व राष्ट्रपति को ज्ञापन जैसे तमाम कदम उठाए गए हैं। बीते दशक में भी हम समिति की ओर से बार-बार जनमानस और सार्वजनिक उपक्रमों के कार्मिकों को आगाह करते आए हैं कि जब-जब भाजपा की सरकार आएगी तब तक उनके हितों पर कुठाराघात होगा और सरकारी उपक्रमों को निजीकरण में तब्दील कर दिया जाएगा। आज यह सब हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस्पात राज्य मंत्री फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड के राजभाषा कार्यक्रम में आ रहे हैं, इसलिए यह कहना प्रासंगिक होगा कि आज एफएसएनएल जैसे उपक्रम के भी बंद होने अथवा पूरी तरह निजी हाथों में जाने की आशंका बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि जिस तर अदूरदर्शी नीति के तहत स्टील सेक्टर के उपक्रम एचएससीएल का विलय शहरी विकास मंत्रालय के उपक्रम एनबीसीसी में किया गया। उसका नतीजा है कि आज एचएससीएल पूरी तरह खत्म हो गया है। इसलिए केंद्र सरकार को सार्वजनिक उपक्रमों के विलय अथवा निजीकरण में देने की नीति के बजाए उन्हें आर्थिक पैकेज देकर अपने दम पर मजबूत करने की नीति पर चलना चाहिए।