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*बच्चों के अधिकारों का संरक्षण करना हम सबका नैतिक दायित्व- सोनल गुप्ता*

*(राज्य बाल संरक्षण आयोग द्वारा समीक्षा बैठक सह कार्यशाला आयोजित)*

 

बेमेतरा:- छ.ग. राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य सोनल गुप्ता शुक्रवार को न्यू-सर्किट हाउस बेमेतरा में बाल अधिकारों के प्रभावी संरक्षण हेतु समीक्षा बैठक सह-उन्मूखीकरण कार्यशाला में शामिल हुए। उन्होने बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए शासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। गुप्ता ने जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों से रु-ब-रु होकर विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की जानकारी ली। जिनमें महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, पुलिस (गृह), स्वास्थ्य एवं खेल विभाग शामिल हैं।

सदस्य गुप्ता ने कहा कि बाल अधिकारों को अपनाना और उनका संरक्षण करना हम सबका नैतिक दायित्व बनता है। बच्चों के लिए अधिकारों का संरक्षण इस लिए भी जरुरी है क्योंकि बच्चे मासूम, विश्वास करने वाले व उम्मीदों से भरे होते हैं। बचपन बेहद खुशनुमा और प्रेम भरा होना ही चाहिए। बच्चों को जीवन धीरे-धीरे सुरक्षित व हर संभव तरीके से अनुभवों के साथ बढ़ना चाहिए। किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 के अन्तर्गत प्रावधान व आयोग को प्राप्त शक्तियां दी गई है। जिसके अन्तर्गत विधिविरुद्ध बच्चों के मामलों के निपटारे तथा देखरेख व संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के सर्वांगीण देखभाल व विकास के लिए कानूनी प्रावधान किए गए हैं। डीईओ के प्रतिनिधि सुनील तिवारी ने बताया कि जिले के 743 प्राथमिक, 387 मीडिल स्कूल में बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसके अलाव जिले में 166 हाई/हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित है। उप पुलिस अधीक्षक कमल शर्मा ने बच्चों के मामले में पुलिस प्रशासन के अन्तर्गत प्रत्येक थाने में एक बाल कल्याण पुलिस अधिकारी नामित किए जाने के संबंध में जानकारी दी। विवेचना के दौरान बच्चों के मामले में विशेष संवेदनशीलता भी बरती जाती है। सहायक आयुक्त अजाक ने जिले में संचालित 20 छात्रावास एवं एक कन्या आश्रम संचालित होने के संबंध में जानकारी दी। जिसमें बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाता है। सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. वन्दना भेले ने पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) के संबंध में जानकारी दी।

बैठक सह कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी म.बा.वि. बी.डी. पटेल, जिला बाल संरक्षण अधिकारी व्योम श्रीवास्तव, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास मेनका चंद्राकर, श्रम पदाधिकारी एन.के. साहू, खेल अधिकारी एन.के. तिवारी, डीपीएम स्वास्थ्य विभाग लता बंजारे, परियोजना अधिकारी बेरला विद्यानंद बोरकर, खण्डसरा सरस्वती चंद्रवंशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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