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सिद्धू ने फिर से तीखे किए अपने तेवर, निशाने पर हैं कांग्रेस के कई नेता

चंडीगढ़ः पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही पार्टी के नेताओं की ईमानदारी पर लगातार सवाल उठा रहे हैं. पंजाब में कांग्रेस की जबरदस्त हार के बाद कांग्रेस के कई नेता उनके निशाने पर हैं. वह दावा करते रहे हैं कि कांग्रेस में कई नेता भ्रष्ट हैं, लेकिन वह नाम नहीं लेना चाहते. कांग्रेस जब पंजाब की सत्ता में थी तो सरकार सिद्धू के निशाने पर रहती थी, लेकिन अब सरकार नहीं है तब भी उन्होंने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो चुनाव के बाद राजनीति में तेजी से सक्रिय होना उनका दोबारा से राज्य कांग्रेस की कमान अपने हाथों में लेने की महत्वाकांक्षा को दिखाता है. उनकी सक्रियता ने उन्हें जमीन पर पार्टी का सबसे अधिक दिखाई देने वाला नेता बना दिया है. सिद्धू ने हाल ही में मीडिया से कहा था कि कांग्रेस 50-60 ईमानदार नेताओं के एक समूह के साथ लोगों का विश्वास जीत सकती है, जिनके पास भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर सवाल उठाने का नैतिक अधिकार है.कांग्रेस हार गई क्योंकि उसके पांच साल के शासन के दौरान स्वार्थी लोगों ने राज्य के हितों पर काबू पा लिया और माफिया ने शासन किया. राजकोष का पैसा राजनीति को पेशा मानने वाले लोगों की निजी जेब में जा रहा था. उस समय भी मैं सरकार से सवाल कर रहा था. शराब, रेत आदि से राजस्व नुकसान के बारे में पूछ रहा था.”चुनाव हारने के बाद सिद्धू पूरे राज्य में घूम रहे हैं. कथित तौर पर प्रतिशोध का सामना करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को बुला रहे हैं. किसानों से मिल रहे हैं. गेहूं खरीद की जांच के लिए बाजारों का दौरा कर रहे हैं और रेत खनन स्थलों पर जा रहे हैं. दिल्ली की कांग्रेस नेता अलका लांबा को जब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ “भड़काऊ बयान” को लेकर रूपनगर में पुलिस के सामने पेश होने का नोटिस मिला तो सिद्धू ने सबसे पहले ट्वीट किया कि वह उनके साथ पुलिस स्टेशन जाएंगे. लेकिन जब उन्होंने चुनाव हारने के बाद पूर्व विधायकों और अन्य असंतुष्ट नेताओं से मिलना शुरू किया, तो कई लोगों ने अनुमान लगाया कि सिद्धू पीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में एक और शॉट के लिए समर्थन जुटा रहे हैं.कांग्रेस से नाखुश नेताओं के साथ सिद्धू की बैठकों ने नई पार्टी के गठन की अटकलों को भी हवा दे दी है. हालांकि सिद्धू ने हाल ही में कहा था कि वह रोजाना सड़क पर उतरने का आनंद ले रहे हैं. उनका कहना था कि “मैं पंजाब के पुनरुत्थान के लिए लड़ रहा हूं. मैं चाहता हूं कि यह अपना खोया हुआ गौरव फिर से हासिल करे. यह मेरे जीवन का एकमात्र लक्ष्य है.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस स्वस्थ विपक्ष की भूमिका तभी निभा सकती है, जब उसके नेता भ्रष्टता से दूर और निडर हों. जाहिर है कि वह बात-बात पर इशारा करते हैं कि पंजाब कांग्रेस के कई नेता भ्रष्ट हैं

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