बच्चे लार क्यों टपकाते हैं? जानें कारण और उपाय
अगर किसी प्रेग्नेंट लेडी की प्रेगनेंसी के दौरान खाने की कोई भी इच्छा रह जाती है तो उसके बच्चे की लार टपकती (Drooling) है. यह धारणा भारत में बहुत लंबे समय से प्रचलित है. इसके पीछे की असल वजह कुछ और ही है. छोटे बच्चों के मुंह से लार गिरना एक आम प्रक्रिया है. यह प्रक्रिया बच्चों में 3 महीने से ही शुरू हो जाती है.
बच्चों का लार टपकना चिंता का विषय उस समय बन जाता है जब बच्चे की उम्र 2 वर्ष हो और बच्चा तब भी मुंह से लार टपका रहा हो. ऐसे में किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श लेकर बच्चे का पूरा इलाज कराना चाहिए.बच्चों में लार गिराने के कारण
बच्चों के मुंह से सलाइवा या लार टपकाने के कई कारण हो सकते हैं. उनके मुंह में दांतों का आना, मसूड़ों का टाइट होना, लार ग्रंथि का विकसित होना. इन सबके अलावा बच्चों को निगलना नहीं आता जिसकी वजह से वे लार टपकाते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों का लार टपकाना उनके सही विकास का संकेत माना जाता है.लार गिरने से कैसे रोकें
वैसे तो बच्चों द्वारा लार टपकाना एक सामान्य बात है, लेकिन इसे रोकने के लिए आप उसके कपड़ों से रूमाल अटैच कर सकते हैं. जब बच्चा बातों को समझने लगे तब आप उसे समझा सकते हैं कि लार नहीं टपकानी चाहिए. यह बात समझाने के लिए आपको थोड़ी अधिक मेहनत की जरूरत पड़ सकती है. धीरे-धीरे जब बच्चों को समझ में आने लगता है और वे लार टपकाना कम कर देते हैं.
डॉक्टर से संपर्क करें
बच्चों के दांत आने की उम्र 8 से 9 महीने के बीच होती है लेकिन बच्चा 3 महीने से लार गिराना चालू कर देता है. यदि आपका बच्चा 2 साल का होने के बाद भी लार गिराना बंद नहीं कर रहा है तो इसके लिए आपको किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं sabkasandesh.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)