वीरमगाम गुजरात में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर एवं सामाजिक समरसता विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया Lecture on Dr. Babasaheb Ambedkar and social harmony was organized in Viramgam, Gujarat.
वीरमगाम गुजरात में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर एवं सामाजिक समरसता विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया
गुजरात कल्याण परिषद ट्रस्ट सुरेन्द्रनगर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किशोरभाई मकवाणा ने व्याख्यान दिया।
(वंदना नीलकंठ वासुकिया) वीरमगाम : पूरा देश आजादी का 75वां वर्ष मना रहा है, उस अवसर पर गुजरात कल्याण परिषद ट्रस्ट सुरेन्द्रनगर द्वारा स्वामी विवेकानंद टाउन हॉल, वीरमगाम में रविवार को “डॉ बाबासाहेब आंबेडकर एवं सामाजिक समरसता” विषय पर वक्तव्य का आयोजन किया गया था। भारतीय जनता पार्टी के राज्य स्तर के सह प्रवक्ता और नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय के सदस्य किशोरभाई मकवाना, गुजरात कल्याण परिषद ट्रस्ट मंत्री डॉ. महेशभाई चौहान और वीरमगाम नगर पालिका के उपाध्यक्ष दीपाबेन ठक्कर ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ कराया था।
शुरुआत में डॉ. महेशभाई चौहान ने गुजरात कल्याण परिषद ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट का उद्देश्य एवं सेवा कार्यों की जानकारी दी और बाद में किशोरभाई मकवाणा ने बाबासाहेब के जीवन पर जानकारी दी। इस कार्यक्रम में संत और महंत सहित शहर के बहुत लोग शामिल हुए।
किशोरभाई मकवाणा ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर ने अपना पूरा जीवन समाज के शोषित और वंचित वर्गों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। उनके जीवन का एक अन्य पहलू राष्ट्र का सर्वोच्च हित था – राष्ट्र प्रथम। समाज में समरसता होगी तभी राष्ट्र शीघ्र उन्नति करेगा। उन्होंने हमेशा एक जातिय मजबूत हिंदू समाज बनने के लिए आंदोलन, विभिन्न गतिविधियां और सत्याग्रह किए। बाबासाहब की एक प्रसिद्ध पंक्ति यह है कि मेरे विचार से पहले मैं भारतीय हूं, फिर मैं भारतीय हूं और अंत में मैं भारतीय हूं, भारतीयता के अलावा कुछ नहीं। दूसरा, उन्होंने कहा कि समाज में बंधुता की भावना होनी चाहिए, समानता होनी चाहिए, समरसता का मतलब ही सद्भाव है। बाबासाहेब के जीवन को आज यहां लोगों के सामने प्रस्तुत करने का अच्छा प्रयास किया गया।