ओडिशा के युवा ने बनाया सौर ऊर्जा से चलने वाले बेड, कोरोना दूर तक नहीं फटकेगा_odisha youth made a solar powered self-quarantine bed for covid19 patient knowat | nation – News in Hindi


कोरोना वायरस के इलाज में ये बेड अहम साबित हो सकता है. (सांकेतिक तस्वीर)
इस बेड की खासियत ये है कि इसे कुछ इस अंदाज में तैयार किया गया है कि कोरोना वायरस इसके आस-पास भी नहीं फटकेगा. इसे बनाने वाले युवा मैकेनिक संतोष सवाईं का दावा है कि इस स्पेशल बेड में सौर ऊर्जा, बिजली और बैटरी का इस्तेमाल किया जा सकता है.
ये बेड ऑप्टिकल फाइबर के इस्तेमाल से बनाया गया है. इस बेड में ऑक्सीजन अंदर और कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर निकलने का रास्ता बनाया गया है. हृदय की बीमारियों से जूझ रहे सेल्फ क्वारंटीन लोगों के लिए ये बेड बहुत उपयोगी साबित हो सकता है. क्वारंटीन रहने के दौरान लंबे समय तक घरों के भीतर रहने के दौरान ये बेड लोगों के शरीर तक बेहतर तरीके से ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है.
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इस बेड में बनाए गए दो खास चैंबर न सिर्फ ऑक्सीजन के फ्लो और कार्बन डाइ ऑक्साइड के उत्सर्जन का काम करते हैं बल्कि ऑक्सीजन को अल्ट्रा वॉयलट किरणों के जरिए रिफाइन भी करते हैं.इससे पहले संतोष एक सौर ऊर्जा से चलने वाली सैनेटाइजिंग मशीन भी बना चुके हैं. संतोष बताते हैं कि कोरोना वायरस की त्रासदी के बीच वो इस बात में लगे हुए हैं कि आखिर इससे निपटने के आसान तरीके कैसे तलाशे जाएं. संतोष कहते हैं कि इस बेड की खास बात ये है कि इसे एक जगह से दूसरी जगह भी आसानी के साथ ले जाया जा सकता है. ये सिर्फ सेल्फ क्वारंटीन लोगों के लिए ही नहीं है, इसे अस्पतालों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
(मनोज जेना की रिपोर्ट)
First published: June 22, 2020, 7:31 AM IST