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धार्मिक आस्था का केन्द्र : अद्भुत दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर , जहां भगवान श्री राम-जानकी के साथ हनुमान जी साक्षात दर्शन देते खड़े हुए हैं

जन-जन की आस्था और श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बना : दक्षिण मुखी पंँचमुखी हनुमानजी

जांजगीर-चांपा जिले के परशुराम मार्ग पर सोनी कालोनी, चांपा मे पंचमुखी हनुमानजी का बहुत ही सुन्दर मंदिर हैं। इस मंँदिर में दक्षिणमुखी पंँचमुखी हनुमानजी की आदमकद मूर्ति स्थापित हैं ।कालांँतर में मंगल-भवन निर्माण के बाद राम-दरबार , गणेशजी और साई बाबा की मूर्तियांँ भी प्रतिष्ठापित की गईं । सभी मूर्तियां इतनी दर्शनीय हैं । सबसे खास बात यह है कि यहाँ पंँचमुखी हनुमानजी की मूर्ति दक्षिण दिशा में कुछ झुकी हुई पाएंँगे। इसके ठीक सामने राम-दरबार की प्रतिमा स्थापित हैं। ऐसा लगता हैं कि हनुमानजी के नेत्र श्रीराम-लक्ष्मण और सीताजी का रूप अन्वेषण करने में लगे हैं ।इस मंँदिर और मंँगल भवन का निर्माण आज से नव वर्ष पूर्व यानि कि 25 अप्रैल , 2013 को पूर्ण कर लिया गया था । नगर के समाजसेवी, पूर्व नपाध्यक्ष चांपा श्रीयुत अमरनाथ सोनी ने अपने पूज्य पिताश्री दादूराम-गणेशी बाई की स्मृति में दक्षिण दिशा में मंँदिर का निर्माण कर प्रतिमा प्रतिष्ठापित कर शिलालेख पर अपना नाम अंंकित करा लिया।इस मंदिर में प्रवेश करते ही आपको राम के दर्शन करने साक्षात् खड़े हुए हनुमानजी दिखाई देगें ।

सोनी कालोनी मार्ग में कृष्ण कृपा नाम निर्मित आवास पर रहने वाले पूर्व सहायक प्राध्यापक शशिभूषण सोनी भी निवास करते हैं । उन्होंने बताया कि यहां पर हनुमानजी की पंचमुख स्वरूप में विग्रह स्थापित मूर्ति भव्य एवं दर्शनीय हैं । माना जाता हैं कि हनुमानजी ने अहिरावण और महिरावण का वध करने के लिए पंचमुख रुप धारण किया था । प्रभु हनुमान जी के इस रुप का दर्शन मात्र से सारे दुःख , संकट और बंधन दूर हो जाते हैं सोनी कालोनी स्थित दक्षिणमुखी हनुमान जी की ख्याति बढ़ती जा रही हैं । पहले लोग पर्व-त्यौहार पर ही दर्शन-पूजन करने के लिए आते थे आज-कल हर रोज ईश्वरीय श्रद्धा अर्पित करने के लिए आते हैं ।

हनुमान जन्मोंत्सव के पावन पर्व पर हनुमानजी को नारियल और रोठ- प्रसाद चढ़ावें के साथ हनुमान चालीसा, बजरंँग बाण का पाठ करने का लोग कोरोना संक्रमण के कारण बारी-बारी से आयेंगे । पंँचमुखी मूर्ति के नीचें एक छोटे से बाल-हनुमानजी की मूर्ति में भी चंँदन, सिंदूर और चमेली के तेल से अभिषेक करने का पुण्य मुझें मिला । साथ ही हनुमानजी की स्तुति करने का अवसर भी।

पवन तनय संँकट हरण मंगल मूर्ति रुप !

राम लखन सीता सहित त एक दिवस और सुर भूप !!

मंदिर में प्रतिदिन भक्ति-भाव से दर्शन करने वाले सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी बद्री प्रसाद शर्मा ने बताया कि जिस प्रकार श्रावण-मास में भगवान शिव का विशेष महत्व हैं, उसी प्रकार चैत्र मास के स्नान दान पूर्णिमा हनुमान प्रकटोत्सव हनुमानजी को अत्यंत प्रिय हैं । इस अवसर पर उनकी पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व हैं । मंदिर के पास रहने वाले डांक्टर शांति कुमार सोनी ने कहा कि इस कालोनी में निवास करने वाले लोगों के लिए श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बन गया हैं । सच्चें हदय से दर्शन करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती हैं। कवि और गजलकार घनश्याम शर्मा ने बताया कि हनुमानजी को संकटमोचक कहा जाता हैं यह शिवजी के ग्यारह रुद्र अवतारों में से एक हैं । ऐसा माना जाता हैं कि हनुमानजी कलयुग में साक्षात विराजमान हैं । हनुमानजी भक्तों की पुकार को जरूर सुनते हैं और विश्वभर की समस्यायों का समाधान करते हैं । मंदिर के समीप रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व पार्षद श्रीमती शशिप्रभा सोनी ने कहा कि यह दक्षिणमुखी पंचमुखी हनुमान मंदिर आस्था का प्रमुख केन्द्र बन गया हैं । यहां आने वाले श्रद्धालु भक्तों का तो यहां तक कहते सुना हैं कि दर्शन-पूजन करने से कष्टों का निवारण हो गया । वयोवृद्ध किशनलाल नामदेव का कहना हैं कि हनुमानजी की पूजा करने से इंसान निडर हो जाता हैं और उसकी सारी चिंता और परेशानियां अपने आप दूर हो जाती हैं और संक्रमण से हनुमानजी ही बचायेगें । मैं बिना नागा किये हर रोज सुबह-शाम हनुमानजी का पूजन करने जाता हूं। हनुमानजी से प्रार्थना हैं सबको सुख संपत्ति समृद्धि और खुशहाली प्रदान करें । प्रेस क्लब के अध्यक्ष सरदार कुलवंत सिंह सलूजा ने कहा कि हनुमान जी साक्षात भगवान के अवतार हैं। हनुमान जी और हनुमान चालीसा को आधार बनाकर जो कोई भी सच्चें मन से हनुमंत आराधना करते हैं उन्हें हनुमान की कृपा से सफलता प्राप्त होती हैं। हनुमान जी की सफलता का रहस्य उसकी पूजा आराधना में ही इस कलयुग में छिपी हुई हैं । दरअसल हनुमानजी का जीवन अतिप्रेरक एवं हम सबके लिए मार्गदर्शक हैं। विश्व में हनुमानजी जैसा कोई दूसरा सफल प्रबंधन नहीं हैं ।

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