छत्तीसगढ़

किसानों को नई तकनीकों और नवाचारों से जोड़ने का माध्यम बना किसान मेला Kisan Mela became a medium to connect farmers with new technologies and innovations

किसानों को नई तकनीकों और नवाचारों से जोड़ने का माध्यम बना किसान मेला
विभागों की जीवंत प्रदर्शनी को बड़ी संख्या में लोगों ने देखा
मेले को किसानों ने बताया लाभकारी

बिलासपुर 15 अप्रैल 2022

साईंस कालेज मैदान में 13 अप्रैल से शुरू हुए तीन दिवसीय किसान मेले के समापन के अवसर पर खेती-किसानी की प्रदर्शनी देखने लोगों की दिन-भर भीड़ लगी रही। खेती-किसानी को समृद्ध बनाने के लिए इस प्रदर्शनी में किसानों ने नई तकनीक के गुर सीखें। राज्य भर के किसानों ने मेले में बड़ी संख्या में खेती-किसानी के नवाचार, तकनीक, उत्पादन और मार्केटिंग के अनुभवों को साझा किया। मेले में किसानों को उन्नत तकनीक के यंत्र भी निःशुल्क प्रदान किये गये है। किसानों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस प्रकार के मेले का आयोजन उनके लिए लाभकारी साबित होता है। मेले के माध्यम से अपने उत्पादों की बिक्री के लिए उन्हें बाजार भी मिलता है।
छत्तीसगढ़ शासन के कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित किसान मेले में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग की जीवंत प्रदर्शनी को देखने कृषि महाविद्यालय के विद्यार्थी एवं कृषक बड़ी संख्या में मेला स्थल पहुंचे। कृषि विभाग के स्टाल में जिला खनिज न्यास निधि के तहत ग्राम हिर्री विकासखण्ड बिल्हा के 08 किसानों को 30 पाईप का स्प्रिकंलर सेट, 06 किसानों को तीन एचपी डीजल पंप, 04 किसानों को बैटरी चलित स्पेयर का निःशुल्क वितरण किया गया। श्री रामेश्वर सिंह मरकाम ने डीजल पंप मिलने पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए बताया कि उनके पास साढ़े तीन एकड़ कृषि भूमि है। डीजल पंप से डेढ़ एकड़ भूमि में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा शुरू की गई किसान हितैषी योजनाओं के चलते खेती-किसानी अब मुनाफे का व्यवसाय बन गया है। ग्राम हिर्री के ही श्री रामू मेहर के पास दस एकड़ कृषि भूमि है। उन्हें मेले मेें आज स्प्रिकंलर सेट मिला है। उन्होंने बताया कि इस स्प्रिकलंर सेट की कीमत 24 हजार से अधिक होती है। यह क्रय करना सभी के लिए संभव नहीं होता है। अब स्प्रिकंलर सेट मिल जाने से खेती किसानी में आसानी होगी। श्री मानसिंह ने बताया कि उन्हें बैटरी चलित स्पेयर मिला है। पहले दवाई छिड़कने के लिए 50 रूपए प्रति घंटे की दर से स्पेयर किराये से लेना पड़ता था। जिससे आर्थिक रूप से अनावश्यक बोझ पड़ता था। कृषि विभाग के स्टाल में मिनी राइस मिल, चारा कटर मशीन, मिनी आइल मिल को प्रदर्शन हेतु रखा गया है। जैविक कुल्थी, कोदो, तिल और दुबराज एवं विष्णुभोग चावल, वर्मी कम्पोस्ट खाद को भी बिक्री के लिए प्रदर्शनी में रखा गया है।

भूपेंद्र सबका संदेश न्यूज़ रिपोर्टर
बिलासपुर 9691444583

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