सारनाथ एक्सप्रेस के समय सारिणी में हो परिवर्तन: प्रभुनाथ बैठा
दुर्ग से सुबह और छपरा से रात को किया जाये परिचालन
यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर जल्द लिया जाए निर्णय
भिलाईं। छत्तीसगढ़ भोजपुरी परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष प्रभुनाथ बैठा ने दुर्ग से छपरा तक चलने वाली गाड़ी संख्या 15159 उप तथा छपरा से दुर्ग 15160 डाउन सारनाथ एक्सप्रेस के समय सारिणी में बदलाव की मांग की है। सारनाथ एक्सप्रेस जो दुर्ग से चलकर छपरा तक जाती है उसको दुर्ग से सुबह चलाया जाए ताकि अगले दिन ट्रेन सुबह छपरा पहुंच सके जिसके कारण यात्रियों को बिना असुविधा के अपने गंतव्य स्थान तक जाने में कोई दिक्कत न हो साथ ही छपरा से चलकर दुर्ग आने वाली सारनाथ एक्सप्रेस को छपरा से शाम को चलाया जाए ताकि अगली रात को ट्रेन दुर्ग पहुंच सके। उत्तर भारत के लोगो के लिए सारनाथ एक्सप्रेस लाइफ लाइन मानी जाती है तथा उत्तर भारतीय द्वारा यह बहुत ही पुरानी मांग है कि इस ट्रेन का समय सारिणी बदला जाए ताकि यात्रियों को असुविधा न हो। दुर्ग से छपरा जाने वाली सारनाथ एक्सप्रेस दुर्ग से रात 8:35 बजे छूटती है तथा अगली रात को 9:40 बजे छपरा पहुंची है जिसके कारण यात्रियों को 25 घंटे के सफर करके जाने के बाद उन क्षेत्रो में बसो का रात को न चलने के कारण व रात को सुरक्षित यात्रा न हो पाने के कारण 5-6 घंटे छपरा स्टेशन पर रात बिताना को विवश होना पड़ता है जिसके कारण उनकी यात्रा 31 घंटे की हो जाती है।
अगर सारनाथ एक्सप्रेस को छपरा से रात 8:40 बजे चलाया जाएगा तो यात्रियों को बहुत ही सुविधा होगी। दूर दराज गावो से आने वाले यात्री आसानी से ट्रेन के समय मे छपरा पहुंच सकते है और जब अगली रात को ट्रेन दुर्ग पहुंचेगी तो आसानी से बस,टैक्सी मिल जाने के कारण रात को ही अपने घर पहुंच जाएंगे। छपरा से सुबह 7:20 बजे सारनाथ छूटने से दूर दराज के लोगो को रातभर छपरा स्टेशन पर आकर रुकना पड़ता है फिर सुबह को ट्रेन पकड़ते है जिसके कारण छपरा स्टेशन पर भी रात को बहुत भीड़ होता है। इसके अलावा छपरा स्टेशन पर आने जाने वाले यात्रियों को उठाईगिरी का भी शिकार होना पड़ता है। इसलिए दोनों तरफ का समय सारिणी बदले से कई समस्याओं का समाधान आसानी से हो जाएगा। ज्ञात जो कि उत्तर भारत के लिए चलने वाली ज्यादातर ट्रेन दुर्ग से रात को ही छूटती है। इस लिए भी सारनाथ एक्सप्रेस को दुर्ग से सुबह में प्रस्थान किया जाए। श्रीबैठा ने कहा कि जल्द ही वर्षो पुरानी इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री, रेलमंत्री, छपरा सांसद राजीव प्रताप रूडी व दुर्ग संसद विजय बघेल को ज्ञापन सौंपा जाएगा।