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होकपाड़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दमयन्ती ने अनूठे तरीके से मनाया ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ घर-घर जाकर दोना-पत्तल में सौंपा सूखा राशन

होकपाड़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दमयन्ती ने अनूठे तरीके से मनाया
‘विश्व पर्यावरण दिवस’
घर-घर जाकर दोना-पत्तल में सौंपा सूखा राशन
नारायणपुर सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-संतोष नाग-
-पर्यावरण प्रेमियों और इसकी गंभीर चिंता करने वाले और उसे लेकर अपने स्तर पर प्रयास करने वाले लोगों और संस्थाओं के लिए लॉकडाउन का यह समय आंतरिक खुशी का है। प्रकृति साफ-सुथरी हुई और नदियों, समुद्री जीव-जंतु सभी के जीवन में एक हरियाली लौटी है। नक्सल

प्रभावित जिला नारायणपुर के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों के खास कर अन्दरूनी इलाके की होकपाड़ की आगंनबाड़ी कार्यकर्ता सुश्री दमयन्ती बघेल ने शुक्रवार 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर लोगों को पर्यावरण के प्रति और

अधिक जागरूक करने का नया और अभिनव तरीका निकाला। इस बार विश्व पर्यावरण की थीम थी ‘‘प्रकृति के लिए समय‘‘ समुचित थीम के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुश्री दमयन्ती ने आपने सरकारी काम के साथ प्रकृति के लिए समय भी निकाला। उसने सूखा राशन वितरण के लिए पत्तों से दोना बनाकर समय का सदुपयोग किया। प्लास्टिक झिल्ली का इस्तेमाल भी नहीं किया । कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने उनके काम की तारीफ़ की है ।
ओरछा विकासखंड के होकपाड़ गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुश्री दमयंती बघेल ने नक्सल प्रभावित ओरछा में दोना-पत्तल का उपयोग कर सूखा राशन आंगनबाड़ी बच्चों, गर्भवती महिलाओं, शिशुवती माताओं के घर-घर जाकर दिया। उसने विश्व पर्यावरण दिवस और हरियाली का संदेश भी दिया। इसके साथ ही उन्होंने घर के बाहर और आंगन में पेड़-पौधे लगाने के लिए भी जागरूक और प्रोत्साहित किया। यह सब देखकर ग्रामीण महिलाओं में भी पर्यावरण के प्रति खुशी झलक रही थी। वैसे भी आदिवासी पेड़ पौधों के लिए ज्यादा सजग रहते है। अपनी जरूरत और ईधन के लिए लकड़ियों पर ही आश्रित होती है। जंगली ईलाकों में आजकल खेती-किसानी भी पेड़ों की कटाई का प्रमुख कारण है। इसके साथ ही बढ़ती मोटर गाड़ियां, कारखाने, लगते उद्योग और कटते वृक्ष पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा रहे है। लेकिन इस अनूठी पहल से महिलाओं ने अपने घर के बाहर खाली जमीन और आंगन में पेड़ पौधे लगाने का भी संकल्प लिया।
यहां आपकों बतादंे कि जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अन्तर्गत 15 वर्ष से 49 आयु वर्ग की एनीमिया पीड़ित महिलाओं, आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों, कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं और शिशुवती माताओं को सूखा राशन और रेडी-टू-ईट का वितरण किया जा रहा है। महिला बाल विकास अधिकारी श्री रविकान्त ध्रुर्वे ने बताया कि सूखा राशन में दो किलो चावल दाल, तेल, आलूू और प्याज है। इसके अलावा सोया बड़ी, मिर्ची, हल्दी पावडर और गुड़ भी शामिल है। जिले के लगभग 10 हजार हितग्राही लाभान्वित हो रहे है।
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