छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

पुलिस की अहम भूमिका से तीस साल बाद मिली परिवार से मिली महिला

दुर्ग। 35 वर्ष पूर्व गुम हुई एक महिला को यदि उसका पूरा परिवार मिल जाए तो यह उस परिवार के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं होगा। ऐसा ही एक घटना राजनांदगांव जिले के ग्राम बिजेतला में सामने आया है। गुम हुए महिला को उसके परिजनों से मिलाने में केरल के मेंटल हॉस्पिटल और दुर्ग पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका रही। 65 वर्षीय महिला जिसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने से वर्ष 2016 में केरल के त्रिशूर के शासकीय मनोचिकित्सा केन्द्र में न्यायालय के आदेश पर ईलाज के लिए भर्ती हुई थी। जहां इस वर्ष महिला के स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार होने पर अपना नाम केजा बाई छत्तीसगढ़ के नारधा रोड से जालबांधा क्षेत्र निवासी बताया। जिस पर केरल के त्रिशूर के हॉस्पिटल से दुर्ग पुलिस एवं राजनांदगांव पुलिस को महिला के संबंधितों का पता तलाश हेतु पत्र माह अप्रैल में भेजा गया। पता तलाश अभियान में शुरुवाती दौर में महिला के संबंधितों का पता नहीं चल पाया, किन्तु दुर्ग की बोरी थाना पुलिस ने प्रयास जारी रखा। महिला ने जो जानकारी दिया उसके पति का नाम पोकई सहित 8-10 रिश्तेदारों का व अपने 4 पुत्र व पुत्रियों का नाम बताया था। साथ ही जिन-जिन गांवों का नाम महिला ने बताया था, वो थाना बोरी के सरहदी गांव होने के बाद भी परिजनों का तलाश अभियान के दौरान थाना बोरी के पुलिस अपने क्षेत्र के साथ ही राजनांदगांव जिले के घुमका, खैरागढ़,जालबांधा क्षेत्र में जानकारी जुटाना जारी रखा। इस दौरान जिला राजनांदगांव में घुमका थाना क्षेत्र के बिजेतला गांव में महिला द्वारा अपने बच्चों के बताये गये रत्ना नाम से खोज की तब अभियान को नई दिशा मिला और बिजेतला की रत्ना नाम की महिला की मां का नाम केजा बाई होने के संबंध में जानकारी प्राप्त  हुई। रत्ना नाम की महिला जिसका विवाह ग्राम परपोड़ी मेंं हो चुका है। उसकी भाई का नाम मोहित एवं मां का नाम केजा बाई है। जानकारी मिली कि वर्ष 1980 के आसपास केजाबाई जिसका मायका बानबरद अहिवारा उसकी दूसरी शादी ग्राम बिजेतला में हुआ था। शादी के बाद 1 बेटा मोहित व बेटी रत्ना थी। वर्ष 1987-88 में पति बालाराम पटेल की मृत्यु के कुछ समय बीत जाने के बाद केजाबाई सब्जी बेचने जालबांधा जाना बोलकर निकली थी जो वापस नहीं लौटी। परिजन व गांव वाले सभी उनके घर वापसी की उम्मीद छोड़ दिये थे। तब पुत्र मोहित लगभग 8 वर्ष का था। मोहित पटेल ने बताया पिता बालाराम की मृत्यु व मां केजाबाई के गुम होने के बाद पिता की पहली पत्नी परदेशनीन बाई जो मां की बड़ी बहन थी ने पालन पोषण किया। शासकीय मनोरोग अस्पताल त्रिशूर केरल से महिला के नाते रिश्तेदारों के पता तलाश हेतु पत्र प्राप्त होने के तत्काल बाद प्रखर पांडे पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर लखन पटले एएसपी(ग्रामीण) व नगर पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन पर थाना बोरी को उक्त महिला के संबंध में जानकारी जुटाने दिशा निर्देश दी गई थी। नारधा गांव से जालबांधा बिजेतला तक दर्जनों गांवों में महिला के संबंध में पता तलाश के लिए महिला के पति के नाम को आधार मानकर काम किया गया, किन्तु पति का नाम महिला द्वारा पोकई एवं त्रिशूर से प्राप्त पत्र में महिला का नाम खेजा उर्फ दीदी के बताने के कारण महिला के नाते रिश्तेदारों के पता तलाश में विलंब हुआ। पता तलाश जांच की दिशा को राजनांदगांव जिले से जुड़े थाना के सरहदी ग्रामों मोहंदी जालबांधा, बिजेतला, भोथी पर ध्यान केन्द्रित किया गया और इस दौरान घुमका के ग्राम बिजेतला के रत्ना नामक महिला की मां का नाम केजाबाई होना पता चला। थाना बोरी के आरक्षक विजेन्द्र ठाकुर के द्वारा महिला के नाते रिश्तेदारों द्वारा पता तलाश हेतु सार्थक प्रयास किया गया। आसपास के ग्रामीणों एवं गांव वालों से केजाबाई के संबंध में काफी पूछताछ कर महिला के पुत्र मोहित के बारे में जानकारी प्राप्त करने में सफल हुई। वरिष्ठ अधिकारीगणों के पत्राचार उपरांत उक्त गुम महिला केजाबाई को केरल के त्रिशूर में न्यायालय के औपचारिकता के बाद पुत्र मोहित अपने घर बिजेतला वापस लेकर लौट आया है।

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