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किसी भी राज्‍य में फसल बेचकर ज्‍यादा कमाई कर सकेंगे किसान, संघीय ढांचे का उल्‍लंघन नहीं है अध्‍यादेश – central government said, Farmers would earn more by selling crops in any state, Ordinance is not a violation of federal structure | business – News in Hindi

'किसी भी राज्‍य में अपनी कीमत पर फसल बेचने से बढ़ेगी किसानों की आय, अध्‍यादेश संघीय ढांचे का उल्‍लंघन नहींं'

कृषि मंत्री नरेद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के हित में लाए गए अध्‍यादेशों से देश के संघीय ढांचे का किसी तरह से उल्‍लंघन नहीं होगा.

केंद्र ने किसानों को अपनी फसल किसी भी राज्‍य में अपनी कीमत पर बेचने की छूट देने के लिए एक अध्‍यादेश (Ordinance) अधिसूचित किया है. पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने इसे देश के संघीय ढांचे का उल्‍लंघन बताया. इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Tomar) ने साफ किया कि इससे किसानों की आय (Framers’ Income) बढ़ेगी.

केंद्र सरकार किसानों की कमाई बढ़ाने की हरसंभव कोशिश कर रही है. इसी के तहत केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दो अध्‍यादेश अधिसूचित किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) में एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट में संशोधन को मंजूरी दी गई. इस संशोधन के बाद अब किसान सीधे अपनी फसलें किसी भी बाजार में बेच सकेंगे. इसके लिए सरकार ने ‘एक देश-एक बाजार’ की नीति को मंजूरी दे दी है. बता दें कि अब तक किसान सिर्फ एग्रीकल्चर प्रोडक्ट मार्केट कमेटी (APMC) की मंडियों में ही अपनी फसल बेच सकते थे. पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह (Capt. Amrinder Singh) ने इस अध्‍यादेश को संघीय ढांचे के खिलाफ बताया था. इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Narendra Tomar) ने आज साफ किया कि इससे संघीय ढांचे का किसी भी तरह से उल्‍लंघन नहीं होगा.

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कैप्‍टन अमरिंदर ने शुक्रवार को कहा था कि इससे न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य की व्‍यवस्‍था खत्‍म करने की राह खोली जा रही है. साथ ही इससे खाद्यान्‍न खरीद की व्‍यवस्‍था भी बंद हो जाएगी. इससे पंजाब के किसानों में असंतोष फैल रहा है. इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ना तो ये अध्‍यादेश संघीय ढांचे का उल्‍लंघन करते हैं और ना ही इनसे एमएसपी की व्‍यवस्‍था खत्‍म होगी. उन्‍होंने एमएसपी पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे लोगों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि किसानों को फसल का तय मूल्‍य मिलना जारी रहेगा. यानी न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर किसानों की उपज खरीदना बंद नहीं होगा.

केंद्र सरकार ने कहा कि कृषक उपज व्‍यापार व वाणिज्‍य (संवर्द्धन व सुविधा) अध्‍यादेश-2020 के तहत किसानों को अधिसूचित एमपीएमसी मंडियों के बाहर कहीं भी अपनी फसल बेचकर ज्‍यादा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा. इस अध्‍यादेश में प्रस्‍ताव है कि राज्‍य सरकारें मंडियों के बाहर अनाज की खरीद-फरोख्‍त पर कोई टैक्‍स नहीं लगा पाएंगी. इससे किसानों को अपनी फसल कहीं भी और किसी को भी बेचने की आजादी मिल जाएगी. वहीं, प्राइस एश्‍योरेंस एंड फार्म सर्विसेस पर किसान सशक्‍तीकरण व सुरक्षा समझौता अध्‍यादेश-2020 किसानों को खाद्य प्रसंस्‍करण इकाइयों, थोक व्‍यापारियों, बड़ी खुदरा कंपनियों और निर्यातकों के साथ पहले सेे तय कीमतों पर समझौते की छूट देगा.ये भी पढ़ेंकोरोना संकट के बीच भारत का विदेशी पूंजी भंडार रिकॉर्ड स्तर पर कैसे पहुंचा?

तोमर ने कहा कि राज्‍यों में एपीएमसी एक्‍ट लागू रहेगा और सरकारें मंडियों में होने वाली खरीद-फरोख्‍त पर पहले की ही तरह टैक्‍स वसूल सकती हैं. साथ ही कहा कि अब तक किसानों को अपनी फसल का खरीदार और मूल्‍य तय करने की आजादी नहीं थी. लेकिन अब कृषक उपज व्‍यापार व वाणिज्‍य (संवर्द्धन व सुविधा) अध्‍यादेश-2020 के तहत उन्‍हें अपनी कीमत पर कहीं भी फसल बेचने का अधिकार मिल रहा है. उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि कोई भी पैन कार्डधारक किसानों से फसल खरीद सकता है. इसके लिए उसे किसी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी. इस दौरान उन्‍होंने सवाल उठाया कि क्‍या इंस्‍पेक्‍टर राज को खत्‍म कर किसानों को अपनी फसल की कीमत तय करने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए.

किसानों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें समृद्ध बनाने के लिए केंद्र ने देशभर में 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाने की भी मंजूरी दे दी है. कृषि मंत्री ने किसानों के हित में लिए गए अन्‍य फैसलों के बारे में शुक्रवार को जानकारी दी. उन्‍होंने खरीफ सीजन (kharif season 2020-21) की 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का भी ऐलान किया. इन फसलों पर किसानों को लागत का 50 से 83 फीसदी तक ज्यादा दाम हासिल होगा. इसके अलावा सरकार ने खेती और उससे जुड़े काम-धंधों के 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक कर्ज के भुगतान की मियाद 31 अगस्त, 2020 तक कर दी है. इस बढ़ी हुई अवधि में ब्याज में छूट का फायदा भी मिलेगा. किसानों को 1 मार्च, 2020 से 31 अगस्त, 2020 के बीच अल्पकालिक कृषि कर्ज के ब्याज में दो फीसदी और कर्ज भुगतान में 3 फीसदी का फायदा होगा.

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First published: June 6, 2020, 8:50 PM IST



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