छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाओं से बच्चों के अभाव में कई आंगनबाड़ी में तालाबंदी की नौबत जिले के तीन स्वामी आत्मानंद स्कूल में किया जा रहा प्रयोग

भिलाई। सरकारी स्तर पर संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू होने के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों का औचित्य लगभग खत्म हो जाएगा। बच्चों के पर्याप्त संख्या के अभाव में शहर के अनेक आंगनबाड़ी केंद्र को तालाबंदी का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल दुर्ग जिले के तीन स्वामी आत्मानंद स्कूल का चयन प्रायोगिक तौर पर प्री प्राइमरी कक्षा संचालन के लिए किया गया है।

निजी स्कूलों की तर्ज पर स्वामी आत्मानंद सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में भी प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू की जा रही है। इस योजना को प्रायोगिक तौर पर शासकीय स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल सेक्टर 6, पाटन और कुम्हारी में लागू किया जा रहा है। प्रयोग सफल रहने पर जिले में संचालित अन्य सभी स्वामी आत्मानंद स्कूल में भी प्री प्राइमरी कक्षाएं लगाई जाएगी। ऐसा होने पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के औचित्य पर सवाल खड़े हो जाएगी।

दरअसलए आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह साल तक के बच्चों को पौष्टिक आहार के साथ प्रारंभिक शिक्षा प्रदान की जाती है। सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाओं का संचालन होने पर पालकों में तीन साल की उम्र में ही अपने बच्चों को स्कूल भेजने की प्राथमिकता बनेगी। ऐसी स्थिति में आंगनबाड़ी केंद्रों की दर्ज संख्या में गिरावट आना तय है। जब पर्याप्त संख्या में बच्चों की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं रहेगी तो आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन का औचित्य लगभग खत्म सा हो जाएगा।
गौरतलब रहे कि वर्तमान में निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में ही प्री प्राइमरी के तहत नर्सरी से लेकर केजी वन और केजी टू की कक्षाएं संचालित की जाती है। इस वजह से शहर के अनेक आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का टोटा बना हुआ है।

तीन साल की उम्र में ही संपन्न वर्ग के ज्यादातर बच्चे निजी स्कूलों के प्री प्राइमरी कक्षा में दाखिला ले रहे हैं। अब जब सरकारी स्तर पर संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में भी प्री प्राइमरी कक्षाओं का संचालन होगा तो मध्यम और गरीब परिवारों में अपने बच्चों को सीधे स्कूल में दाखिला दिलाने की ललक बढ़ेगी।

इस लिहाज से शहर के अनेक आंगनबाड़ी केंद्रों में तालाबंदी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है।
कार्यकर्ता-सहायिकाएं भविष्य को लेकर सशंकित
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में मामूली फीस पर बेहतर पढ़ाई और सुविधाएं प्रदान की जा रही है। इस वजह से जिले के सभी 16 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश के होड़ मची हुई है। प्री प्राइमरी कक्षाओं के शुरू होने पर मध्यम व निम्न वर्ग का हर पालक चाहेगा कि उसका बच्चा वहां प्रवेश लेकर पढ़ाई करे।

इस स्थिति में आंगनबाड़ी केंद्रों की दर्ज संख्या में कमी आना तय है। ऐसा होने पर कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन बंद कर उसे नजदीकी केंद्र में मर्ज किया जा सकता है। ऐसे में सामान्य मानदेय में कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का भविष्य खतरे में पड़ जाएगी। इस बात का अहसास होने से शहर की कईं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपनी नौकरी को लेकर सशंकित हो उठी हैं।

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