देश दुनिया

MLC चुनाव : BJP को 3 सीटों पर अपनों से ही मिली मात, वरना कर देती सबका सूपड़ा साफ MLC elections: BJP got its own defeat in 3 seats, otherwise it would have cleared everyone

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 36 सीटों के नतीजे अब साफ हो चुके हैं. इन 36 में से 33 पर भाजपा की जीत हुई है. वैसे तो पार्टी को सभी 36 सीटों पर जीत की उम्मीद थी, लेकिन 3 सीटों पर उसकी उम्मीदों ने दम तोड़ दिया. इन तीन सीटों पर किसी बड़ी पार्टी ने भाजपा को पटखनी नहीं दी, बल्कि उसके अपनों ने ही उसकी नैया डुबोई है. भाजपा की जिन तीन सीटों पर हार हुई है, उसे हराने वाले उसके अपने रहे हैं और हैं. आइये जानते हैं कैसे घर के चिराग से ही भाजपा के घर में लग गयी आग…

आजमगढ़-मऊ सीट

 


इस सीट पर भाजपा नेता के ही बेटे ने भाजपा प्रत्याशी को हराया है. पार्टी के कद्दावर नेता और भाजपा से ही एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह प्रिंसु ने भाजपा प्रत्याशी अरुणकांत यादव को मात दी है. ये जरूर है कि जब यशवंत सिंह के बेटे ने निर्दलीय पर्चा भरा, तब भाजपा ने यशवंत सिंह को पार्टी से निकाल दिया, लेकिन उनके बेटे की जीत को नहीं रोक पाई. ऐसा कहते हैं कि अरुणकांत को भाजपा के साथ साथ सपा का भी अंदर ही अंदर समर्थन हासिल था. उनके पिता रमाकांत यादव सपा से विधायक हैं. फिर भी विक्रांत सिंह की राह कोई रोक नहीं पाया 

 

वाराणसी सीट
यहां पर भी भाजपा को किसी अपने से ही मात मिली है. इस सीट से निर्दलीय अन्नपूर्णा सिंह की जीत हुई है. अन्नपूर्णा सिंह बाहुबली बृजेश सिंह की पत्नी हैं. इस परिवार का भी भाजपा से पुराना नाता रहा है और अभी भी चला आ रहा है. बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह चंदौली जिले की सैयदराजा सीट से भाजपा के ही विधायक हैं. चुनाव से पहले वाराणसी के भाजपा प्रत्याशी सुदामा पटेल ने हो-हल्ला भी मचाया था कि पार्टी के लोग उन्हें नहीं बल्कि अन्नपूर्णा सिंह का साथ दे रहे हैं.

प्रतापगढ़
इस सीट पर भी गेम वैसा ही रहा है. कुंडा से विधायक राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल से उम्मीदवार अक्षय प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की है. यहां भी भाजपा प्रत्याशी हरि प्रताप को मात मिली तो अपने से ही. राजा भैया की भाजपा से नजदीकी जगजाहिर रही है. वे भाजपा की सरकारों में मंत्री भी रहे हैं. उनके परिवार का आरएसएस से भी पुराना रिश्ता रहा है. बावजूद इसके भाजपा को कोई लाभ नहीं मिला और उसके कैण्डिडेट को मुंह की खानी पड़ी.

बता दें कि 36 सीटों में से 27 सीटों पर चुनाव हुए थे. 9 सीटें पहले ही भाजपा निर्विरोध जीत चुकी है. वोटिंग वाली 27 सीटों में से 24 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है, लेकिन 3 सीटों पर उसे मात मिली है. पार्टी को अपनों से ही हार का मुंह देखना पड़ा है

 

 

Related Articles

Back to top button