छत्तीसगढ़ का सबसे प्राचीन धान कुबरी ममहानी की सुगंध नवागढ़ से नेपाल तक पहुंची
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छत्तीसगढ़ का सबसे प्राचीन धान कुबरी ममहानी की सुगंध नवागढ़ से नेपाल तक पहुंची
नवागढ़ की धरती से नेपाल तक फैली खुशबू
युवा किसान किशोर राजपूत की मेहनत रंग लाई,2 टन मिला ऑडर
देव यादव सबका संदेश न्यूज़ रिपोर्टर
बेमेतरा /नवागढ़/ छत्तीसगढ़ राज्य में धान की सबसे ज्यादा पैदावार होती हैं जिसके कारण इसे धान का कटोरा कहा जाता है, इसके साथ ही साथ धान की कई किस्मों की खेती करते हैं जिसमें से एक धान है, कुबरी ममहानी जैसा नाम वैसी ही इसकी क्वॉलिटी है. इसकी सुगंध ही लोगों का मन मोह लेती है.
नवागढ़ की धरती से नेपाल तक फैली खुशबू
नवागढ़ की धरती में लगे कुबरी ममहानी धान की खुशबू नेपाल तक पहुंच गया है किशोर राजपूत ने इसे लगाया है। कोविड 19 के कारण इस चावल की माँग अधिक हो रहा है।
कुबरी ममहानी चावल की बढ़ी डिमांड
कुबरी ममहानी धान सामान्य पतला और छोटा होता है. इस धान के चावल की खुशबू और मिठास की तो बात ही निराली है. अगर किसी घर में कुबरी ममहानी चावल को पकाया जा रहा है तो उसके आसपास के घरों तक इसकी खुशबू पहुंच जाती है. खुशबू के साथ ही कुबरी ममहानी चावल का स्वाद काफी लाजवाब होता है.
गौ आधारित खाद की अनिवार्यता रहती हैं
किशोर राजपूत बताते हैं की ये चावल अन्य चावलों की तुलना में जल्दी और आसानी से पचता है. इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. इसके साथ ही इस धान की पैदावार ऑर्गेनिक ही होती है. इसमें सिर्फ गौ आधारित जैविक खाद डाला जाता है.रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया जाता है.माना जाता है कि कुबरी ममहानी के धान में रासायनिक खाद का इस्तेमाल करने पर इसकी सुगंध और स्वाद दोनों बदल जाती है.रासायनिक खाद का उपयोग करने के बाद नाइट्रोजन से धान को बेहद नुकसान पहुंचता है.जिससे इस चावल की मुख्य पहचान ही इसमें नहीं रह पाती है. लिहाजा कुबरी ममहानी की खेती जैविक खाद से ही की जा सकती है. तभी तो कुबरी ममहानी चावल की डिमांड ना सिर्फ देश में है बल्कि विदेश से भी इसकी मांग की जाती है.
देशी किस्म में सबसे लंबी अवधि का धान
कृषक किशोर राजपूत बताते हैं की कुबरी ममहानी धान की खेती 135 से 140 दिन में तैयार होती है.ये सबसे अधिक अवधि में तैयार होने वाला धान है.इस धान की खेती के लिए पानी भी काफी ज्यादा लगता है. इसलिए इसे गहरे खेत में लगाया जाता है. जहां पानी अधिक स्टोर हो सके.
गौ आधारित खेती से मिट्टी को भी फायदा
किशोर राजपूत बताते हैं कि सभी किसानों को कुबरी ममहानी धान लगाना चाहिए. हाइब्रिड धान लगाने से बचना चाहिए .क्योंकि अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में हाइब्रिड धान लगाने से खेत की मिट्टी की उर्वरकता धीरे-धीरे खत्म होने लगती है.जबकि लोकल वैरायटी या उन्नत नस्ल के धान बीज से मिट्टी की क्षमता में कोई फर्क नहीं पड़ता है. जैविक संसाधनों से मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है.
कुबरी ममहानी चावल है सबसे महंगा
किशोर राजपूत ने बताया कि सभी धान में यह किस्म भी सबसे अधिक महंगी है. ओरिजनल कुबरी ममहानी धान का चावल बाजार में 70 से 80 रुपये किलो की दर से मिलता है.जबकि निज़ी कम्पनीया कुछ महिलाओं के समूह के माध्यम से इस चावल की पैदावार कराकर उसे 120 रुपये प्रति किलो तक बेच रहे हैं.। नेपाल के लुम्बनी में 70 रुपये किलो की दर से 2 टन चावल का ऑडर मिला है।
देव यादव सबका संदेश न्यूज़ रिपोर्टर नवागढ़ बेमेतरा छत्तीसगढ़ 9098647395