छत्तीसगढ़

महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने दिखाई अपनी ताकत ,

विभाग में गन्दगी साफ करने उठाया ऐतिहासिक कदम , वर्षो से एक ही स्थान पर कुंडली मारे बैठे बहुतों की दुकानदारी कर दी बंद

महिला एवम बाल विकास मंत्री ने दिखाई बड़ी हिम्मत

गम्भीर शिकायतों और वर्षों से एक ही स्थान पर जमे तथा शहरी क्षेत्रों में अटैच रह कर सालों से पदस्थ अमले को स्थानांतरित कर विभाग में व्याप्त गन्दगी को साफ करने उठाया बीड़ा तो खिलाफ में उठने लगी आवाज

बिलासपुर । महिला एवम बाल विकास विभाग की मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने वह काम करके दिखा दी है जो पिछले 15 सालों में नही हो पाया था । उन्होंने विभाग के ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों को अन्यंत्र भेजने में जरा भी देर नही की जो एक ही स्थान पर 15 से 20 साल से पदस्थ है ,यही नही उन्होंने फील्ड में पोस्टिंग लेकर सालों से आफिस अटैच होकर काम कर रहे परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों की भी समीक्षा कर उन सबको एक सिरे से शहरीय इलाको से जंगल क्षेत्र में भेज देने का साहस जुटाया । मंत्री के इस कदम से पूरे विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है और वर्षो से “पहुंच” व पैसे के बल पर आरामदायक स्थानों में पदस्थ अमले के लोगो में खलबली है । बड़े अधिकारी अपने स्थानांतरित अमले को तबादला के खिलाफ उकसा भी रहे है ।

महिला एवम बाल विकास विभाग में “ऑपरेशन अनिला भेड़िया” का अभियान चलने से विभाग में पूरे प्रदेश में खलबली मच गई है क्योकि ऐसा तबादला पिछले डेढ़ दशक में नही हो पाया था । विभाग के लोग मनपसन्द स्थानों में 15 से 20 साल से कुंडली मार कर बैठे हुए थे । कई जिलों से गड़बड़ियों की गभीर शिकायते मिल रही थी । जिले में बैठे अधिकारी मनपसन्द अमले को आफिस अटैच कर वर्षो से काम ले रहे थे और उनका वेतन अन्य स्थानों से आहरित किया जा रहा था ।

तबादला आदेश जारी होने के बाद विभाग से कई आश्चर्य जनक जानकारियां छन छन कर आ रही है । भाजपा शासनकाल में पूरा अमला निरंकुश हो चला था । पर्यवेक्षक और परियोजना अधिकारी भी फील्ड में न रहकर आफिस में बैठने लगे थे । यही नही 10 से 15 सालों से एक ही स्थान पर जमे हुए थे । बस्तर , दन्तेवाड़ा , किरन्दुल , नगरी ,सिहावा , कांकेर , गौरेला , पेंड्रा , मरवाही जैसे आदिवासी क्षेत्रों में कोई भी नही जा रहे थे । तबादला होने पर आदेश निरस्त करवा एक ही स्थान पर वर्षो से जमे हुए थे । उधर आदिवासी क्षेत्रों में पदस्थ अमला 3 से 6 वर्ष तक पदस्थ रहने के बाद बिलासपुर ,रायपुर ,दुर्ग ,भिलाई जैसे स्थानों में आने के लिए आवेदन देते देते परेशान हो चुके थे मगर शहरी क्षेत्रों में पदस्थ अमला अपनी दुकानदारी चलाने में व्यस्त थे

जानकारी तो यह भी मिली है वर्ष 1996 से कुछेक अमल एक ही जगह पर जमे हुए है और पिछली सरकार में उनका कोई कुछ नही बिगाड़ सका । सरकार बदलने के बाद कई विधायक प्रत्याशियों और ब्लाक कांग्रेस के पदाधिकारियों ने शिकायत कर ऐसे अमले को हटाने मंत्री से गुहार लगाई । जिले में बैठे विभाग के अधिकारियों ने कई अजूबे काम किये । जिस ब्लाक में 10 अमला होना चाहिए वहां 11 और 12 की पोस्टिंग कर उन्हें शहरों में पदस्थ कर दिए मगर उनके वेतन सालों से जंगल क्षेत्र से आहरित करवाया जाता रहा ।

बिलासपुर जिले के आदिवासी अंचल कोटा गौरेला मरवाही पेंड्रा में जिन अमलो की पोस्टिंग की गई है उनसे पिछले 4 सालों से जिला मुख्यालय में अटैच कर काम लिया जा रहा है । ये अमल फील्ड में जा ही नही रहे है । बिलासपुर जिला मुख्यालय में 10 पद परियोजना अधिकारी और पर्येक्षक है मगर यहां 14 लोग काम कर रहे है । ऐसे अतिरिक्त लोगो का तबादला कर दिए जाने से प्रभावित लोग आसमान सिर पर उठा लिए है ।

महिला एवम बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने बिलासपुर समेत पूरे प्रदेश में कार्यरत जिला कार्यक्रम अधिकारी से लेकर पर्यवेक्षकों व परियोजना अदिकरियो की पूरी कुंडली फोटो सहित मंगवाई तो पता चला कि किसके खिलाफ गम्भीर शिकायते है और कौन कितने वर्ष से एक ही स्थान पर पदस्थ है तथा कौन अपने पद स्थापना की जगह के बदले कितने वर्ष से अटैच है । सबसे ज्यादा गम्भीर शिकायतें बिलासपुर जिले से मिली है । उस पर तुर्रा यह कि जिला कर्यक्रम अधिकारी की पदस्थापना जिले की एक विधायक की सिफारिश पर की गई है जिसके खिलाफ पहले से ही अनियमितता और महिला उत्पीड़न की शिकायतें है । इसी तरह जिला कार्यालय में पदस्थ एक अन्य अधिकारी का तबादला रुकवाने उच्च स्तर पर दबाव इसलिये डाला गया कि उक्त अधिकारी का रिश्तेदार बड़ा अधिकारी है ।

महिला एवम बल विकास विभाग में तबादला चाहने आवेदनों का अंबार लगा हुआ है ।इधर जिले के बिल्हा ,मस्तूरी , तखतपुर ,कोटा आदि स्थानों में पदस्थ अमले को एक सिरे से हटा देने से भारी बवाल मचा है वे यहां से जाना नही चाहते ।20 साल बाद भी पुराने जगह का मोह बना हुआ है ।जिला मुख्यालय में पदस्थ एक अधिकारी वर्ष 2003 में कसडोल से तबादला होकर बिल्हा पहुचा और 13 से बिलासपुर मे ही जमे हुए है । तखतपुर से वर्ष 2009 में सरकंडा में पदस्थ परियोजना अधिकारी अभी भी सरकंडा में ही जमे रहना चाहते हैं मस्तूरी की पर्येक्षक पांच साल बाद भी तबादला होने पर भी विरोध कर रही है पेंड्रा , गौरेला में पदस्त पर्वेक्षकों के खिलाफ गम्भीर शिकायत मिलने के साथ ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ काम करने का भी आरोप है विभाग के मुताबिक जो अमला लंबे समय से शहर की हवा खा रहे थे उन्हें जंगल क्षेत्र में काम करने का मौका दिया गया है पर्येक्षकों को बिलासपुर में बैठा कर रखने से काम नही होगा जिन स्थानों से तबादला किया गया है वहां दूसरे की पोस्टिंग कर दी गई है
यह भी पता चला है की तबादला से प्रभावित पर्येक्षकों को जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा अवकाश के दिन सबके घर में फोन कर के मीटिंग के लिए बुलाया गया एवं उन्हें एकत्र कर तबादला के खिलाफ माहौल बनाने उकसाया गया , विभागीय मंत्री ऐसे अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करेंगी यह प्रश्न अभी अनुत्तरित हैमहिला एवम बाल विकास मंत्री ने दिखाई बड़ी हिम्मत
गम्भीर शिकायतों और वर्षों से एक ही स्थान पर जमे तथा शहरी क्षेत्रों में अटैच रह कर सालों से पदस्थ अमले को स्थानांतरित कर विभाग में व्याप्त गन्दगी को साफ करने उठाया बीड़ा तो खिलाफ में उठने लगी आवाज

 

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