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ऑपरेशन के दौरान बार-बार हार्ट अटैक आने के बावजूद डाक्टरों ने बचा ली मरीज़ की जान

स्पर्श हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कर दिया कमाल, हार्ट अटैक व लो बीपी पेशेंट का किया सफल इलाज

भिलाई । ऑपरेशन के दौरान अगर मरीज को हार्ट अटैक आ जाये तो न केवल मरीज की जान को गंभीर खतरा पैदा हो जाता है, बल्कि डॉक्टरों के भी हाथ पैर फूल जाते हैं । लेकिन भिलाई के स्पर्श हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने न केवल इस क्रिटिकल कंडीशन को बेहतर तरीके से हैंडल किया, बल्कि मरीज की जान भी बचा ली ।

दरअसल होली की शाम को अस्पताल में एक मरीज को गंभीर अवस्था में लाया गया था। मरीज को न केवल हार्ट की समस्या थी, बल्कि लो बीपी की भी दिक्कत थी। मरीज की कंडीशन देखकर डॉक्टरों ने उसे एनआईबी सपोर्ट के साथ ही बीपी व हार्ट बीट बढ़ाने की दवाई (आईनो ट्रैफिक सपोर्ट) दी।

स्पर्श के डॉक्टरों ने पाया कि मरीज का बीपी कुछ ज्यादा ही कम है। हार्ट पंपिंग रेट भी 15 फ़ीसदी है, जो सामान्य से काफी कम माना जाता है । इसके बाद मरीज को कैथ लैब में शिफ्ट करके पहले उसकी एंजियोग्राफी की गई । एंजियोग्राफी के बाद पता चला कि पेशेंट की एक मुख्य धमनी (LADA) में सौ परसेंट ब्लॉकेज है । इसके बाद पेशेंट की एंजियोप्लास्टी की गई ।

इस दौरान पंपिंग रेट कम होने के कारण बार-बार मरीज का हार्ट फेल हो रहा था । लेकिन डॉक्टरों ने न हार मानी और न ही हौसला खोया । हॉस्पिटल की कार्डियक एवं क्रिटिकल केयर टीम ने 3 से 4 दिनों तक मरीज की गहन चिकित्सा की । लगातार ऑब्जर्वेशन व डॉक्टरों की टीम द्वारा किए गए प्रयासों से मरीज स्वस्थ हो गया । मरीज के इलाज के दौरान कार्डियोलॉजिस्ट डॉ असलम खान व आईसीयू इंटेंसिविस्ट और एनेस्थेटिस्ट डॉ. संजय गोयल की भूमिका महत्वपूर्ण रही ।

बता दें कि स्पर्श हॉस्पिटल भिलाई में कार्डियक केयर का एक अच्छा सेंटर है । यहां कार्डियक एवं क्रिटिकल केयर के लिए एक कुशल व अनुभवी टीम है जो लगातार गंभीर मरीजों का इलाज कर उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुंचा रही है। स्पर्श में आधुनिक मशीनों से लैस कैथलैब है जो हार्ट केयर के लिए बेस्ट है।

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