समन्वय के बजाए वर्चस्व का बोलबाला है आज: आर पी शर्मा
भिलाई। स्वतंत्रता की वेदी पर अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के शहादत दिवस और प्रखर समाजवादी चिंतक डॉ राममनोहर लोहिया की जयंती पर 23 मार्च बुधवार को भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान रूआबांधा भिलाई में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर उपस्थित लोगों ने अपने पुष्प अर्पित करते हुए तमाम क्रांतिकारियों का पुण्य स्मरण किया।
अध्यक्ष आरपी शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। लोगों ने भगत सिंह की क्रांति की मशाल को जलाए रखने का संकल्प लिया। आर पी शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि शहीद.ए.आजम भगत सिंह ने बीती सदी में जिस समन्वयवादी भारत की संकल्पना की थीए आज हम उससे दूर होते जा रहे हैं। आज समन्वयवादी संस्कृति के बजाए वर्चस्ववादी संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है और ऐसे ही लोग खुद को शहीद.ए.आजम से भी जोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया ने व्यवस्था परिवर्तन का जो आह्वान किया था वह सही मायनों में देश की दशा और दिशा दोनों बदल सकता है। आरपी शर्मा ने गोवा को आजाद कराने में डॉ लोहिया की महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने भूतपूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर द्वारा आपातकाल के दौरान अपनी जेल डायरी में शहीद.ए.आजम भगत सिंह का उल्लेख किए जाने और इस संबंध में आलेख प्रकाशित किए जाने की भी जानकारी दी। इस अवसर पर अरविंद कुमार, कपिल देव प्रसाद, हरिप्रसाद, एलके वर्मा, शमशेर आलम, शाहिद खान, जितेंद्र प्रसाद और संजय सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।