कवर्धाछत्तीसगढ़

कवर्धा। बोड़ला के जंगल में लगी आग, बुझाने के लिए वनकर्मी नहीं।

बोड़ला। गर्मी के सीजन की शुरूआत हुई है। इधर प्रदेश के कई जिलों में जंगलों में आग लगाने की घटनाएं सामने आने लगी है। अब जिले के बोड़ला वन परिक्षेत्र के सुकुवा पारा बिट क्रमांक-66 के जंगलों में आग लगने की खबर सामने आ रही है, लेकिन इस घटना से वन विभाग के अधिकारी बेपरवाह नजर आ रहे हैं। जहां आग बुझाने के अभी तक पुख्ता इंतजाम नहीं कर पाया है। वहीं ग्रामीणों के मानें तो आग लगाने के कारण जंगल मे कई पेड़-पौधे पर भारी नुकसान हो रही है, इतना ही नहीं किमती पेड़-पौधे इस आग के चपेट में है। इन सबको को देखते जिम्मेदार अधिकारी आग बुझाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि जिला का एक बड़ा भू-भाग जंगलों से घिरा है। सहसपुर लोहारा, बोडला व पंडरिया घने जंगलों में शामिल है। यहां कीमती लकड़ी, वनोपज, औषधि के साथ विभिन्ना वन्यप्राणियों निवास करते है। इन सबके बावजूद गर्मी प्रारंभ होते ही जंगलों में आग लगाने की घटना शुरू हो जाती है, लेकिन वन विभाग कभी गंभीरता से नहीं लेता है। इधर आग की घटनाओं से निपटने के लिए वन विभाग को बड़ी राशि स्वीकृत की जाती है। फिर भी आग बुझाने कोई ठोस पहल नहीं कर रहे हैं।

बता दें कि बोड़ला वन परिक्षेत्र के चोर भट्टी के जंगल में सुबह से सुलग रहे हैं, लेकिन आग बुझाने वाला कोई नहीं है। यहां तैनात चौकीदार मुख्यालय से कुछ ही दूर में रहते है फिर भी आग को बुझाने नहीं पहुचते। आपको बता की बोड़ला के जंगल की सुरक्षा भगवान भरोसे है।
ज्ञात हो कि 21 मार्च से वनविभाग के बीटगार्ड, रेंजर अपने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर है जंगल को चौकेदारों के भरोसे छोड़ दिया गया हैं। महुआ बीनने के लिए जंगलों में पत्तों को आग लगा रहे हैं, जिससे पेड़ सुलग रहे हैं। ग्राम चोरभट्टी के सुकुवापारा बिट क्रमांक-66 में आग लगी है। चोर भट्टी के पास नाला भी है अगर आग को बुझाया नही गया तो आगे फैलते जाएगा नाला के पास में जिसमे पानी पीने जंगली जानवर आते हैं। उनकी जान को भी खतरा है।

आग लगने की सूचना नहीं है।

संबंधित चौकीदार को बोलता हूँ मैं अभी हड़ताल पर हूँ।
“सुशील शर्मा बीटगार्ड डिप्टी रेंजर प्रभार”
बोड़ला सुकुवापारा बिट -66″

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