छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

राज्य सरकार की बदली नीति से जमीन के धंधे में आया उछाल

दुर्ग। सरकार की बदली नीति के चलते जमीन के धंधे में भारी उछाल देखा जा रहा है। 5 डिसमिल की सीमा हटते ही इस वर्ष अब तक रजिस्ट्री में 150 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। जमीन खरीदने का मध्य वर्ग का सपना पूरा हो पा रहा, इस साल रजिस्ट्री की संख्या में 150 फीसदी का इजाफ ा। पिछले साल जुलाई माह तक 6454 रजिस्ट्री हुई थी, इस साल जुलाई माह तक हो गई 9911 रजिस्ट्री। जमीन होने के बावजूद बीमारी आदि जरूरतों पर बेच नहीं पा रहे थे, 5 डिसमिल की रोक हटने पर अब हो रही आसानी शादी के लिए कुछ रकम की जरूरत थी लेकिन 5 डिसमिल से नीचे की जमीन की बिक्री पर रोकथाम थी, मैं चाहकर भी अपनी बेटी के रिश्ते के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। अब रोक हट गई, एक मित्र ही जमीन लेने तैयार भी हो गए हैं तो जमीन बेचने का निर्णय लिया है।

रजिस्ट्री आफिस में आये राजू शर्मा ने यह बात बताई। उन्होंने कहा कि, सौदा दोस्त से हुआ है तो पैसे आने पर जमीन वापस भी क्रय कर लेंगे। राजू शर्मा की तरह ही अनेक प्रकरणों में 5 डिसमिल से कम की जमीन की खरीद फ रोख्त में लगी रोक से अनेक लोगों को राहत मिली है। राजू शर्मा ने बताया कि कोई अपनी जमीन भला यूं ही क्यों बेचेगा, कोई असाधारण स्थिति बनती है तभी ऐसा निर्णय होता है। ऐसे में जमीन के खरीदने बेचने पर रोक लगी हो तो कई सपने मर जाते हैं। दुर्ग में रजिस्ट्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस साल जुलाई महीने तक अब तक 9911 रजिस्ट्री हो चुकी हैं जो पिछले साल की इसी अवधि में हुई 6454 रजिस्ट्री की तुलना में लगभग 150 फीसदी अधिक हैं।

5 डिसमिल से कम जमीन की खरीदी बिक्री की रोकथाम हटने की वजह से रजिस्ट्री से होने वाली आय में भी 37 प्रतिशत इजाफ ा हुआ है। इस साल अप्रैल महीने से  जुलाई महीने तक 55 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ जबकि इसी अवधि में पिछले साल 42 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ।

मध्यम वर्गीय परिवार अधिकतम 5  डिसमिल से कम में ही अपना मकान बनाते हैं। इस सीमा में जमीन नहीं क्रय कर पाने के कारण वे मकान का सपना पूरा नहीं कर पा रहे थे। ऐसे बहुत से प्रकरणों की जगह से निर्माण गतिविधि भी थमी हुई थी। अब निर्माण गतिविधियों में भी विस्तार होगा। नामांतरण से जुड़ी हुई दिक्कतें भी दूर हो गई हैं। जमीन क्रय करने पहुंँचे अमित ने बताया कि अब वे मकान का सपना पूरा कर पाएंगे। उन्हें 1500 स्क्वायर फ ीट में मकान बनाना है इससे पहले उन्हें 2500 स्चयर फ ीट जमीन मिल रही थी लेकिन यह उनके बजट से बाहर था। अमित का कहना था कि मेरे बजट की क्षमता इतनी नहीं थी, जमीन खरीद लेता तो मकान नहीं बना पाता।

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