छत्तीसगढ़

बुधन बाई, कालिंद्री, अहील्या यादव,हजारा बेगम और आरती के आजीविका के संसाधनों को मिला सम्मान The livelihood resources of Budhan Bai, Kalindri, Ahilya Yadav, Hazara Begum and Aarti got respect

बुधन बाई, कालिंद्री, अहील्या यादव,हजारा बेगम और आरती के आजीविका के संसाधनों को मिला सम्मान

प्रभारी मंत्री व पँचायत मंत्री श्री सिंहदेव ने प्रशस्ति पत्र प्रदान कर किया सम्मानित

कवर्धा, 11 मार्च 2022। महिला दिवस के अवसर पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत निजी भूमि में निर्मित परिसंपत्तियों से आजीविका संवर्धन के लिए कराए गए निर्माण कार्यों के हितग्राहियों को उनके योगदान को रेखांकित करते हुए मातृशक्ति का सम्मान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री श्री टीएस सिंह देव द्वारा वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आज एनआईसी कक्ष में किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव के तहत विविध कार्यक्रमों का आयोजन प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक हो रहा है। इसी क्रम में मनरेगा योजना अंतर्गत कार्य करने वाली नारी शक्तियों का सम्मान किया जा रहा है जिसमें वर्चुअल रूप से प्रदेश के मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी जिले के अधिकारी व हितग्राही अपने-अपने जिले से जुड़ रहे हैं। आज के कार्यक्रम में कबीरधाम से पांच महिला हितग्राही कालिंद्री बाई ग्राम पंचायत लाडंगपुर जनपद पंचायत पंडरिया, अहील्या यादव ग्राम पंचायत गैंदपुर जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा, बुधन बाई ग्राम पंचायत बांधा जनपद पंचायत बोड़ला, हजारा बेगम और आरती ग्राम पंचायत गुढ़ा जनपद पंचायत कवर्धा कार्यक्रम में सम्मिलित हुई साथ ही कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुशीला भट्ट, जिला पंचायत सदस्य श्री रामकुमार भट्ट, जिला पंचायत कबीरधाम के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संदीप कुमार अग्रवाल सहित संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच गण उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान सभी पांचों महिला हितग्राहियों को जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया तथा इनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई।

कबीरधाम जिले की अहील्या यादव ने बताएं अपने बकरी शेड बनने के फायदे

जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा के ग्राम पंचायत गैंदपुर निवासी हितग्राही श्रीमती अहील्या यादव ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत इन्हें बकरी शेड निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है। कार्यक्रम के उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री श्री टी.एस. सिंह देव से अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इनके पास वर्तमान में 23 बकरी है जो इनके जीविकोपार्जन का मुख्य जरिया है। समय-समय पर बकरियां बेचकर आमदनी होती है जिससे वे अपने घर परिवार की जरूरत पूरा करती है।

 

प्रति बकरी 4 हजार से 5 हजार रुपये में बेचकर पैसा कमा लेती है तथा इनके पास देशी बकरिया है। बकरी को चारा के रूप में पत्ती आदि बकरी शेड में ही उपलब्ध कराती है। बकरी शेड बन जाने से बकरियों का लालन-पालन सभी मौसमों में अच्छे से हो पाता है और यह व्यवसाय बढ़ाने में मददगार हुआ है। इस पर मंत्री ने हितग्राही को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

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