12 मार्च को नेशनल लोक अदालत का आयोजनNational Lok Adalat organized on 12th March
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12 मार्च को नेशनल लोक अदालत का आयोजन
कवर्धा, 07 मार्च 2022। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में श्री न्यायमूर्ति अरूप कुमार गोस्वामी मुख्य न्यायाधीश,
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मार्गदर्शन एवं श्री न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी, न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार 12 मार्च 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका न्यायालय के स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजित कर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किए जाने है।
जिला न्यायधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्रीमती नीता यादव ने बताया कि लोक अदालत में प्रकरणों में पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किए जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफेंस निराकृत किये जाने है। उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत का आयोजन हाईब्रीड लोक अदालत के रूप में किया जाना है, जिसके पक्षकारों की भौतिकी उपस्थिति के साथ वर्चुअल में मोड में उक्त लोक अदालत को निष्पादित किये जाने की तैयारी की जा रही है साथ ही उक्त लोक अदालत में जिन पक्षकारों को न्यायालय पंहुचने में परेशानी हो रही है, उन्हें मोबाईल लिगल एड वाहन के माध्यम से न्यायालय पंहुचाकर सहायता प्रदान की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत में निम्न प्रकरण का निराकरण राजीनामा के आधार पर किया जाता है, दाण्डिक राजीनामा योग्य प्रकरण, चेक बाउन्स अर्थात् 138 वाले मामले, बैंक रिकवरी अर्थात् प्री-लिटिगेशन प्रकरण, मोटरयान अधिनियम से संबंधित प्रकरण, मेन्टेनेन्स धारा 125 के प्रकरण, परिवार न्यायालय से संबंधित प्रकरण, श्रमिक प्रकरण, जमीन विवाद प्रकरण, विघुत प्रकरण, जलकर प्रकरण, सम्पत्ति कर, टेलीफोन प्रकरण तथा राजस्व प्रकरणों को नियत किया गया है और उपस्थित पक्षकारगण के मध्य उपजे विवाद को वैकल्पिक समाधान के तहत लोक अदालत में उनके मध्य राजीनामा की सम्भावनाओं को तलाश करते हुए, उक्त नेशनल लोक अदालत के सफल क्रियान्वयन के लिए अधिक से अधिक प्रकरणों का चिन्हांकित करते हुए चिन्हांकित प्रकरणों में अधिक से अधिक प्रकरण रखा जाना है। 1200 से अधिक ऐसे प्रकरण जो न्यायालय में लंबित है, 1600 प्रकरण जो वर्तमान में न्यायालय में पेश नहीं हुए है तथा 9000 हजार के लगभग राजस्व प्रकरणों को लोक अदालत में रखा जा रहा है।