छत्तीसगढ़

आरती के द्वारा भावनाएं पवित्र एवं दीप, अगर धूप, हवन जलाने से वायुशोधन के लिए बहुत उपयोगी Through aarti, the feelings are pure and the lamp, if incense, burning Havan is very useful for air purification.

*आरती के द्वारा भावनाएं पवित्र एवं दीप, अगर धूप, हवन जलाने से वायुशोधन के लिए बहुत उपयोगी*

 

*मड़ेली-छुरा/* पर्यावरण सुरक्षा हेतु प्रतिदिन महानदीआरती के माध्यम से प्रकृति को शुद्ध करने का माध्यम श्रेष्ठ।ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ।। नवापारा राजिम , छत्तीसगढ़ 25 फरवरी, महानदी, सोडूर ,पैरी नदी के संगम पर प्रतिदिन 15 दिवसीय राजीम शिवरात्रि मेला में महानदी मैया की आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित पर्यावरण सुरक्षा व जल संरक्षण हेतु आरती में इंदौर से पधारे धार्मिक प्रभाग के जोनल इंचार्ज ब्रह्माकुमार नारायण भाई ने जानकी जयंती के अवसर पर कुलेश्वर महादेव की पूजा अर्चना व महानदी मैया की आरती के पश्चात जन समुदाय को संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान में हमारे नकारात्मक विचारों के कारण पांचों तत्व प्रदूषित हो रहे हैं उसमें जल तत्व सबसे ज्यादा सक्रिय होता है। वह हमारे मन में उठने वाले अच्छी बुरी तरंगों को ग्रहण कर उसी अनुसार गुणों में परिवर्तित कर देता है। कहावत भी है जहां क्रोध है वहां पानी के मटके भी सूख जाते हैं। इसीलिए पहले के समय में कोई साधक किसी को श्राप व आशीर्वाद देते तो पानी के छिड़काव के द्वारा यह प्रयोग किए जाते हैं। आरती के वक्त हमारे मनोभाव पवित्र शुद्ध रहते हैं उतने समय हम प्रकृति व सारे तत्वों की हमारे से उठने वाले पवित्र तरंगों के माध्यम से सेवा हो जाती है। जिसके रिटर्न में प्रकृति हम को उपहार के रूप में यह निरोगी शरीर दाशी के रूप में प्रदान करता है। इस अवसर पर सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्मा कुमारी पुष्पा बहन ने बताया कि परमात्मा महाशिव जो पतित पावन है वह आकर आत्माओं व प्रकृति को संपूर्ण पावन राजयोग के माध्यम से कर रहे हैं जिससे संपूर्ण पांचों तत्व पवित्र सत्तो प्रधान बन जाते हैं जिससे यह सृष्टि पुण स्वर्णिम देवी बन जाती है जो 5000 वर्ष तक हमारे को धरती माता व सभी तत्व दाता के स्वरूप द्वारा हमारे शरीरों की पालना करते रहते हैं ।

 

यह हमारा नैतिक कर्तव्य है कि प्रतिदिन प्रात और साय हम देवी देवताओं व प्रक्रति की किसी को भी माध्यम बना कर पूजा आरती करते आ रहे हैं, यही हमारी भारतीय संस्कृति है । कार्यक्रम में उप जिला अधिकारी अविनाश जी भी उपस्थित थे। संचालक संतोष शर्मा ने बताया कि कार्यों में सफलता के लिए फिर अनुष्ठान में किसी भी प्रकार की कमी रह जाए तो उन्हें पूर्ण करने के लिए आरती की जाती है ।साल में छत्तीसगढ़ शासन के प्रयास से माघी पुन्नी मेला से महाशिवरात्रि तक लगातार 15 दिनों तक आरती में सम्मिलित होने का लोगों को शुभ अवसर मिल रहा है।

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