अजब गजब

कंपनी ने हवा से ही बना लिया शाकाहारी मीट, सस्ता भी है और टिकाऊ भी !The company has made vegetarian meat from the air, it is cheap and durable too!

आपने कई बार लोगों को कहते सुना होगा कि कोई चीज़ हवा में नहीं बन जाती. अब जनाब, कुछ और बनता हो या न बनता हो लेकिन कम से कम मीट हवा (Meat Made of Thin Air) में बन सकता है. चौंकिए नहीं, ये सौ फीसदी सच है कि अब शोधकर्ताओं ने हवा में मौजूद प्रोटीन के ज़रिये मांस का विकल्प (Meat Vegitarian Option) बना लेने का दावा किया है. इतना ही नहीं फूड स्टार्ट अप Air Protein इसे मार्केट में भी उतार चुका है.सुनने में ये बात किसी साइंस फिक्शन (Science Fiction) फिल्म की तरह लग रही है, लेकिन ये बिल्कुल सच है कि एयर प्रोटीन नाम के एक स्टार्ट अप ने बेहद एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके हवा के ज़रिये मीट बनाने का प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है. इस कंपनी की सह संस्थापक डॉक्टर लिसा डायसन (Dr Lisa Dyson) एक अवॉर्ड विनिंग भौतिकशास्त्री हैं और वे इस कंपनी के साथ मांस का विकल्प तैयार करने के लिए आई हैं. बेहद अकल्पनीय सी लग रही इस खोज को अब दुनिया के सामने रखा जा चुका है.Air Protein यानि हवा से बनाया गया मीट
असंभव से लगने वाले इस प्रोजेक्ट को सुनकर ही आपको इसे ट्राय करने की इच्छा हो रही होगी. दरअसल मांस का ये नया विकल्प शुद्ध तौर पर हवा से प्रोटीन को एक्सट्रैक्ट करके बनाया गया है. इस प्रोजेक्ट में कुछ माइक्रोब्स के ज़रिये CO2 यानि कार्बन डाय ऑक्साइड को अमीनो एसिड में बदला जाता है और जो उन्हें मिलता है वो प्रोटीन पाउडर होता है. इसी अनोखे पाउडर या आटे का इस्तेमाल करके मीटलेस प्रोडक्ट बनाया जाता है. डॉक्टर लिसा ने मुताबिक जो आटा तैयार किया जाता है वो बनता भले ही CO2 से है लेकिन ये कार्बन निगेटिव होता है यानि खाने के लिए पूरी तरह सुरक्षित है.NASA की रिसर्च से ली प्रेरणा
Air Protein की टेक्नोलॉजी की प्रेरणा उन्होंने स्पेस एजेंसी नासा की साल 1960 के दशक में की गई रिसर्च से ली है. इस रिसर्च में नासा ऐसे तरीके ढूंढ रहा था, जिससे अंतरिक्षयात्री खुद अपना राशन हवा में ही तैयार कर सकें. नासा ने इन माइक्रोब्स की खोज की थी, जिन्हें

 

 हाइड्रोजेनट्रोफ्स कहा जाता है. इसे सही परिस्थिति में जब co2 के संपर्क में लाया जाता है तो अमीनो एसिड बनता है. कंपनी ने नासा की इस सोच से एक बिल्कुल अलग प्रोडक्ट तैयार कर लिया. एक बड़े और ऊंचे टैंक में ये प्रोसेस पूरा किया जाता है. फर्मंटेशन के बाद उन्हें नया प्रोडक्ट मिल जाता है. डायसन का दावा है कि ये मीट बाकी मांस के विकल्पों से कहीं ज्यादा सस्ता और टिकाऊ भी होगा.

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