UK ने रिलीज किया यूक्रेन पर हमले का मैप, देखें कहां-कहां तैनात हैं रूसी सेना UK released map of attack on Ukraine, see where Russian army is stationed
लंदन. ब्रिटेन (Britain) के रक्षा मंत्रालय ने रूस-यूक्रेन संकट (Russia-Ukraine Crisis) पर एक बड़ा खुलासा किया है. इसने एक मैप (Russia-Ukraine Attack Map) के जरिए बताया है कि रूस (Russia) आखिर किस तरह से यूक्रेन (Ukraine) पर बिना चेतावनी के हमला कर सकता है. सैन्य प्रमुखों ने सात प्रमुख स्थानों को शेयर किया है, जिसका इस्तेमाल क्रेमलिन (Kremlin) सेना पहले चरण के तहत यूक्रेन में हमला करने के लिए कर सकती है. जमीनी हमला करने के साथ-साथ रूस के दूसरे चरण के तहत किए जाने वाले हमलों पर भी प्रकाश डाला गया है.ब्रिटिश सरकार के अनुसार, ओडेसा (Odessa) या विनित्सिया (Vinnytsia) शहरों की यात्रा करने से पहले रूसी सैनिक रूस, बेलारूस (Belarus) या क्रीमिया (Crimea) से यूक्रेन में घुस सकते हैं. अधिकारियों ने आज रात कहा, रूस ने महत्वपूर्ण सैन्य मौजूदगी बनाए रखी है, जो बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकता है. मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,’मैप दिखाता है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) कहां से हमला कर सकते हैं.’ प्रवक्ता ने आगे कहा कि पुतिन अभी भी विवाद को रोकने और शांति कायम करने का विकल्प चुन सकते हैं.
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पुतिन ने फिर कहा-पीछे हट रही सेना
व्लादिमीर पुतिन ने जोर देकर कहा है कि रूस की सेना की टैंक यूनिट सीमा से पीछे हट रही है. हालांकि, वरिष्ठ सैन्य सूत्रों का कहना है कि सैनिक अभी भी आगे बढ़ रहे हैं. यूक्रेन की सीमाओं की ओर बढ़ते हुए अतिरिक्त बख्तरबंद वाहनों, हेलीकॉप्टरों और एक फील्ड अस्पताल की कई तस्वीरें सामने आई हैं. ये आकलन MI6, CIA, जासूसी विमानों, सैटेलाइट्स और गुप्त एजेंटों से मिली गुप्त खुफिया जानकारी पर आधारित है. अमेरिका ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा है कि रूस ने यूक्रेन की सीमा पर 1.5 लाख सैनिकों को तैनात किया है और किसी भी वक्त हमले का प्लान बना रहा है.
रूस-यूक्रेन संघर्ष की मूल वजह क्या है?
यूक्रेन रूस का एक पड़ोसी देश है, जिसका क्षेत्रफल 603,628 वर्ग किलोमीटर है, जो रूस और यूरोप के बीच स्थित है। यह 1991 तक सोवियत संघ का ही हिस्सा था, लेकिन सोवियत संघ के पतन के बाद यूक्रेन एक अलग देश बन गया, जिसका अर्थव्यवस्था तुललात्मक तौर पर
सुस्त रही है और यूक्रेन की विदेश नीति कहने के लिए पूरी तरह से लोकतांत्रिक और संप्रभु रहा है.लेकिन अमेरिका और नाटो देश का प्रभाव दिखाई देता रहा है और यूक्रेन के साथ रूस के विवाद की सबसे बड़ी वजह यही रही है कि आखिर यूरोपीय देश यूक्रेन के इतने करीबी क्यों हैं? नवंबर 2013 में यूक्रेन की राजधानी कीव में यूरोपीय संघ के साथ अधिक से अधिक आर्थिक एकीकरण की योजना को रद्द करने के यूक्रेनी राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.